संपूर्ण लॉक डाउन के बीच बुधवार को निकलेगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा
भुवनेश्वर.22 जून सुप्रीम कोर्ट ने कल जगन्नाथ पुरी में रथयात्रा निकाले जाने की अनुमति दे दी है। हलांकि इसमें श्रद्धालु शामिल नहीं हो पाएंगे। कोर्ट ने कहा है कि मंदिर कमेटी, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के को-ऑर्डिनेशन में यात्रा निकालें, लेकिन लोगों की सेहत से समझौता नहीं होना चाहिए। अगर हालात बेकाबू होते दिखें तो ओडिशा सरकार यात्रा को रोक सकती है। साथ ही कहा कि पुरी के अलावा ओडिशा में कहीं और यात्रा नहीं निकाली जाएगी।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक यात्रा की तैयारियों को लेकर मीटिंग की। ओडिशा सरकार ने पुरी में आज रात 9 बजे से बुधवार दोपहर दो बजे तक कम्पलीट लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है।
केंद्र ने कहा था- इस साल यात्रा नहीं निकली तो फिर 12 साल नहीं निकलेगी
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को यात्रा पर रोक के आदेश दिए थे। इस पर केंद्र सरकार ने रिव्यू पिटीशन दायर कर कहा था कि श्रद्धालुओं को शामिल किए बिना यात्रा निकाली जा सकती है। सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि रथयात्रा करोड़ों लोगों की आस्था का मामला है। भगवान जगन्नाथ कल बाहर नहीं आ पाए तो फिर 12 साल तक नहीं निकल पाएंगे, क्योंकि रथयात्रा की यही परंपरा है।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि एक दिन का कर्फ्यू लगाकर यात्रा निकाली जा सकती है। ओडिशा सरकार ने भी इसका समर्थन किया था कि कुछ शर्तों के साथ आयोजन हो सकता है। इस मामले में सरकार की याचिका से पहले भी 6 रिव्यू पिटीशन लग चुकी थीं।
परंपरा तोडऩा ठीक नहीं: पुरी पीठ के शंकराचार्य
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि इस मामले में दोबारा विचार करें। उन्होंने पुरी मठ से जारी बयान में कहा- ‘किसी की यह भावना हो सकती है कि अगर इस संकट में रथयात्रा की परमिशन दी जाए तो भगवान जगन्नाथ कभी माफ नहीं करेंगे, लेकिन सदियों पुरानी परंपरा तोड़ी तो क्या भगवान माफ कर देंगे।
कोर्ट ने कहा था- लोगों की हिफाजत के लिए यात्रा नहीं होनी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को रथयात्रा पर रोक के फैसले में कहा था कि कोरोना महामारी के समय यात्रा की परमिशन दी तो भगवान जगन्नाथ हमें कभी माफ नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा था कि जब महामारी फैली हो, तो ऐसी यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती, जिसमें भारी भी? आती हो। लोगों की सेहत और उनकी हिफाजत के लिए इस साल यात्रा नहीं होनी चाहिए। चीफ जस्टिस की बेंच ने ओडिशा सरकार से कहा कि इस साल राज्य में कहीं भी रथ यात्रा से जुलूस या कार्यक्रमों की इजाजत न दी जाए।