मनरेगा की मजदूरी और श्रम दिवस 50 फीसदी बढ़े, जीएसटी का कंपनसेशन मिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कंफ्रेंसिग में मुख्यमंत्री हेमंत सोरन ने रखा झारखंड का पक्ष
सबसे अधिक खनन झारखंड में होता है, नीतियों में कुछ इस तरह का संशोधन हो कि धन संग्रह का संसाधन झारखंड के पास भी हो
रांची.11 मई इएमएस मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड सरकार कोरोनावायरस और लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लिए जानेवाले निर्णय के साथ है। लेकिन झारखंड जैसे गरीब राज्यों की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ग्रामीण अर्थ व्यवस्था सुदृढ़ हो, इसमें मनरेगा की अहम भूमिका है। रोजगार के अवसर अधिक पैदा हों, इसके लिए मनरेगा के श्रम दिवस और मजदूरी में 50 फीसदी की वृद्धि आवश्यक प्रतीत होता है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को वीडियो कंफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष राज्य की जरूरतों और समस्याओं को रखा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जीएसटी के कंपनसेशन का बकाया प्राप्त नहीं हुआ है, इस पर भी केंद्र सरकार को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि झारखंड में खनन कार्य सबसे अधिक होते हैं। लेकिन झारखंड केवल जीएसटी के भरोसे है। इसलिए नीतियों में कुछ इस तरह के संशोधन होने चाहिए ताकि झारखंड सरकार के पास भी धन संग्रह का अपना संसाधन हो। झारखंड अपनी आय बढ़ा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड केंद्र सरकार के हर फैसले के साथ है, इसमें कोई हिचक नहीं होनी चाहिए। वैसे मैंने पहले ही कहा था कि झारखंड की समस्याएं तब बढ़ेंगी जब प्रवासी मजदूर लौटेंगे। जब मजदूर लौटने लगे हैं तो झारखंड की समस्या बढऩे लगी है। मजदूर पटरी पर चल पड़े हैं। उन्होंने रेल से मजदूरों को लाने के लिए दी गई अनुमति के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार जाताया। साथ ही यह भी कहा कि राज्य के लगभग 7 लाख प्रवासियों ने झारखंड आने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। लेकिन अब तक 21-22 ट्रेनों से मुश्किल से 50-55 हजार प्रवासी ही लौट सकेंगे। शेष लोग भी जल्द से जल्द लौटें, इसकी मुक्कमल व्यवस्था होनी चाहिए। अंत में हेमंत सोरेन ने कहा जीवन और जीविका के बीच संतुलन बनाए रखना अभी केंद्र और राज्यों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। इसमें लोगों की जान कैसे बचे, यह प्राथमिकता होनी चाहिए।