रांची ,22 फरवरी (ईएमएस): विधायक सरयू राय ने 11.30 लाख राशन कार्ड रद्द करने के मामले में हेमंत सोरेन सरकार से कार्रवाई की मांग की है। सरयू राय ने शनिवार को ट्वीट किया कि राशन कार्ड रद्द करने को शासन के 1000 दिन की उपलब्धि बताने, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ आधारविहीन कार्ड रद्द करने का आदेश देने और मंत्री के आदेश को अनसुना करने वाले पूर्व मुख्य सचिव एवं अन्य पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कार्रवाई करें। इसके लिए दोषियों पर आपराधिक मुकदमा बनता है।
सरयू राय ने कहा – मैंने नहीं दी स्वीकृति
शुक्रवार को विधायक सरयू राय ने बयान जारी कर कहा कि खाद्य आपूर्ति मंत्री रहते हुए उन्होंने राशन कार्ड रद्द करने के निर्देश को स्वीकृति नहीं दी थी। पूर्व मंत्री ने कहा कि खाद्य आपूर्ति मंत्री के रूप में उन्होंने वर्ष 2017 में यह मामला उठाया था। तत्कालीन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने 27 मार्च 2017 को वीडियो कान्फ्रेंङ्क्षसग के द्वारा अधीनस्थ पदाधिकारियों को निर्देश दिया था कि जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, उनका राशन कार्ड रद्द कर दिया जाए।
आधार नहीं होने पर राशन कार्ड रद्द
29 मार्च 2017 को उन्होंने विभागीय सचिव को इस संबंध में लिखित आदेश भी दिया था। इस कारण बड़े पैमाने पर राशन कार्ड रद्द किए गए। चूंकि विभाग की वेबसाइट में आधार नहीं होने के कारण राशन कार्ड रद्द करने से संबंधित कॉलम नहीं है, इसलिए विभागीय अधिकारियों ने आधार विहीन राशन कार्डधारियों का कोई न कोई अन्य कारण दिखा कर उसे रद्द कर दिया।
राशन कार्ड रद्द करने का नहीं बताया गया था कोई कारण
सरयू राय ने कहा कि झारखंड सरकार के 1000 दिन पूरा होने पर उनके पास आई संचिका में बताया गया कि कुल 11 लाख 30 हजार राशन कार्ड निरस्त किए गए, परंतु इनका कोई कारण नहीं दर्शाया गया था। सरयू राय ने कहा कि उन्होंने इसकी स्वीकृति नहीं दी तो सीधे मुख्यमंत्री से आदेश लेकर 1000 दिन की उपलब्धि में इसे शामिल कर दिया गया। इस बारे में उन्होंने 6 अप्रैल 2017 को विभागीय सचिव को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश व केंद्र सरकार के परिपत्र का हवाला देते हुए प्रासंगिक राशन कार्ड रद्द नहीं करने का निर्देश दिया, जिसका पालन नहीं हुआ। विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी भी नहीं दी कि राशन कार्ड को किस कारण से रद्द किया गया और कुल कितने राशन कार्ड रद्द हुए? इसके बाद उन्होंने एक अलग संचिका खोलकर मुख्य सचिव के आदेश को रद्द कर दिया।