रांची,13 नवंबर (ईएमएस) : झारखंड विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर राजद मान गया। विश्रामपुर विधानसभा सीट से उसने अपना प्रत्याशी नहीं दिया। राजद विश्रामपुर सीट की मांग को लेकर ही झामुमो तथा कांग्रेस द्वारा किये गये सीटों के बंटवारे पर वो नाराज हो गया था। झामुमो, कांग्रेस और राजद के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह व प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव द्वारा किये गये संयुक्त प्रेस कंफ्रेंस का तेजस्वी यादव ने बहिष्कार किया था।
वह झामुमो को 43, कांग्रेस को 31 व राजद को 7 सीटों के बंटवारें से संतुष्ट नहीं थे। राजद गढ़वा की सीट भी चाहता था, लेकिन विश्रामपुर पर वह कोई समझौता नहीं करने का संकेत दिया था। नामांकन के अंतिम दिन राजद ने विश्रामपुर से अपना प्रत्याशी नहीं देकर यह संकेत दे दिया कि वह गठबंधन की मजबूती के लिए त्याग को तैयार है।
इस तरह सुलझा विवाद
बताते हैं कि विश्रामपुर की सीट को लेकर राजद की नाराजगी को दूर करने में हेमंत सोरेन ने प्रभावी भूमिका निभायी। अगले ही दिन वह रिम्स जाकर लालू प्रसाद से मिले। उन्हें समझाया। विश्रामपुर सीट छोडऩे के लिए उन्हें मनाया। बताया कि विश्रामपुर की सीट ददई दूबे के लिए कांग्रेस को अगर नहीं दिया जाता है तो, विवाद बढ़ेगा। इसका असर पूरे गठबंधन पर पड़ेगा। लालू प्रसाद ने भी ददई दूबे के स्वभाव को जानते हुए बात मान ली।