कोकराझार, 07 फरवरी, ईएमएस : असम के कोकराझार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोडो समझौते पर हस्ताक्षर का जश्न मनाने पहुंचेंं। पीएम मोदी का पारंपरिक नृत्य के साथ जोरदार स्वागत किया गया। पीएम मोदी ने राहुल गांधी के डंडे मारने वाले बयान का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर तंज कसा। पीएम मोदी ने कहा कि विरोधी डंडा मारने की बात करते हैं, लेकिन मुझे भारत की मांओं का आशीर्वाद मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस मोदी को इतनी बड़ी मात्रा में माताओं-बहनों का सुरक्षा कवच मिला हो उस पर कितने ही डंडे गिर जाएं उसको कुछ नहीं होता। आज शहीदों को याद करने का दिन है। आज का दिन पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए एक नई शुरुआत, एक नया सवेरा और एक नई प्रेरणा का स्वागत करने का दिन है। आपकी मदद और इच्छाशक्ति के कारण ही स्थाई शांति का मार्ग खुला है। यह 21 वीं सदी का स्वागत करने के लिए असम और पूरे पूर्वोत्तर के लिए एक नया अवसर और एक नई सुबह है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि असम विरोधी, देश विरोधी हर मानसिकता और इसके समर्थकों को देश न बर्दाश्त करेगा और न माफ करेगा। यही ताकतें हैं जो पूरी ताकत से असम और नॉर्थ ईस्ट में भी अफवाहें फैला रही हैं कि सीएए से यहां बाहर के लोग आ जाएंगे, बाहर से लोग आकर बस जाएंगे। मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि ऐसा भी कुछ नहीं होगा।
असम में शांति का अध्याय शुरू : गांधी जी कहते थे कि अहिंसा के मार्ग पर चलकर हमें जो भी प्राप्त होता है वो सभी को स्वीकार होता है। अब असम में अनेक साथियों ने शांति और अहिंसा का मार्ग स्वीकार करने के साथ ही, लोकतंत्र और भारत के संविधान को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि समझौते से अलगाव, लगाव में बदला है। जिस नॉर्थ ईस्ट में हिंसा की वजह से हजारों लोग अपने ही देश में शरणार्थी बने हुए थे, अब यहां उन लोगों को पूरे सम्मान और मर्यादा के साथ बसने की नई सुविधाएं दी जा रही हैं। किसी ने पूर्वोत्तर की समस्याओं का समाधान नहीं किया और अशांति को जारी रहने दिया, इस वजह से क्षेत्र के लोग अलग-थलग हो गए और उन्होंने संविधान में विश्वास खो दिया। पहले नॉर्थ ईस्ट में उद्यमी निवेश के लिए तैयार नहीं होता था, वहां निवेश शुरू हुआ है। जिस नॉर्थ ईस्ट में अपने-अपने होमलैंड को लेकर हिंसा होती थीं, अब यहां एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना मजबूत हुई है। ब्रू-रियांग समुदाय का संकट का एक ऐतिहासिक समझौते से कुछ दिन पहले ही समाधान किया गया था। इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद हजारों परिवारों के पास अपने घर होंगे। यह पिछले ढाई दशकों से चली आ रही समस्या का अंत लाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि आज देश मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का समाधान चाहता है। बोडो टेरिटोरियल काउंसिल, असम सरकार और केंद्र सरकार, अब साथ मिलकर, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को नया आयाम देंगे। इससे असम भी सशक्त होगा और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना भी और मजबूत होगी। 21वीं सदी का भारत अब ये दृढ़ निश्चय कर चुका है कि हमें अब अतीत की समस्याओं से उलझकर नहीं रहना है।
विकास का एक नया मॉडल विकसित होगा : पीएम ने कहा कि अकॉर्ड के तहत बीटीएडी में आने वाले क्षेत्र की सीमा तय करने के लिए कमीशन भी बनाया जाएगा। इस क्षेत्र को 1500 करोड़ रुपये का स्पेशल डेवलपमेंट पैकेज मिलेगा, जिसका बहुत बड़ा लाभ कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदालगुड जैसे जिलों को मिलेगा। आज जब बोडो क्षेत्र में, नई उम्मीदों, नए सपनों, नए हौसले का संचार हुआ है, तो आप सभी की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। मुझे पूरा विश्वास है कि ‘बोडो टेरीटोरियल कॉउंसिलÓ अब यहां के हर समाज को साथ लेकर, विकास का एक नया मॉडल विकसित करेगी।
1500 करोड़ रुपये का स्पेशल विकास पैकेज मिलेगा : समझौते में इस क्षेत्र को 1500 करोड़ रुपये का स्पेशल विकास पैकेज मिलेगा। इससे बोडो जनजाति के हर अधिकार, भाषा, संस्कृति का विकास सुनिश्चित होगा। बोडो टेरिटेरियल काउंसिल का दायरा बढ़ाकर अधिक सशक्त किया गया है। इस समझौते में सबकी जीत हुई है, शांति की जीत हुई है, मानवता की जीत हुई है। अब केंद्र सरकार, असम सरकार और बोडो आंदोलन से जुड़े संगठनों ने जिस ऐतिहासिक अकॉर्ड पर सहमति जताई है, जिस पर साइन किया है, उसके बाद अब कोई मांग नहीं बची है और अब विकास ही पहली और आखिरी प्राथमिकता है।