पश्चिम बंगाल में अब राष्ट्रपति शासन ही अंतिम विकल्प

राजनीतिक हिंसा के विरोध में भाजपाइयों ने घर पर दिया धरना

जमशेदपुर : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद सियासी हिंसा का दौर जारी है. तृममूल की पुन: सत्ता में आते ही लगातार भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या, उनके घरों पर पथराव, दुकानों की लूट, महिला कार्यकर्ताओं के साथ दुष्कर्म जैसे घृणित कार्य से पार्टी कार्यकर्ता आक्रोशित हैं. आज बंगाल में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के संग जमशेदपुर महानगर के कार्यकर्ताओं ने एकदिवसीय धरना प्रदर्शन कर बंगाल के कार्यकर्ताओं का समर्थन किया. इस अवसर पर सभी ने बंगाल में संरक्षणप्राप्त उपद्रवी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई और हिंसक घटनाओं पर पूर्ण विराम लगाने की मांग की. घटना के विरोध में श्री दास ने कहा कि बंगाल में चुनाव के पहले हिंसा, आगजनी, बमबारी, तोडफ़ोड़, चुनाव के दौरान भी उन्हीं हिंसक घटनाओं का दोहराव और चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं पर कहर बरपाना लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, सांसद विद्युत वरण महतो, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेशानंद गोस्वामी, पूर्व विधायक मेनका सरदार, प्रदेश मंत्री रीता मिश्रा समेत कई नेताओं ने राजनीतिक हिंसा पर विरोध दर्ज कराया.

बंगाल की घटना प्रायोजित हिंसा : गुंजन

पार्टी के महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने अपने सीतारामडेरा स्थित आवास पर धरना दिया. उन्होंने कहा कि बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ता शक्ति का दुरूपयोग कर भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा कि हाल के दिनों में बंगाल हिंसा ने ममता की असहिष्णु तथा तानाशाही छवि को उजागर किया है. उन कार्यकर्ताओं का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. पूर्व महानगर अध्यक्ष अभय सिंह ने कहा कि इस प्रकार की प्रदूषित राजनीति पूरे बंगाल में है. प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने इस राजनीतिक हिंसा को लोकतंत्र और भारतीय इतिहास के लिए काला अध्याय बताया. पूर्व महानगर अध्यक्ष दिनेश कुमार ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लोकतंत्र का हत्यारा बताते हुए बंगाल में हुए हिंसा का दोषी बताया. पार्टी के प्रदेश भाजपा बुद्धिजीवी मंच के पूर्व अध्यक्ष प्रो जटाशंकर पांडेय ने कहा कि बंगाल में हो रहे अत्याचार की जितनी भी निंदा की जाय कम है. प्रदेश भाजपा के पूर्व प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या बंद होनी चाहिये, क्योंकि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं होता है. जिला महामंत्री अनिल मोदी ने कहा कि बंगाल की हिंसा देश के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे कुत्सित संस्करण है. प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भरत सिंह ने कहा कि बंगाल में भाजपा के सीटों की संख्या बढऩे से ममता और उनके समर्थक तिलमिला गये हैं. कदमा मंडल के कार्यकर्ता मंडल अध्यक्ष राजेश सिंह के साथ धरने में शामिल हुए. इसमें सुधांशु ओझा, अजय झा, रंजीत पंडित, कमल कुमार सहित कई कार्यकर्ता शामिल हुए. भाजयुमो के प्रदेश मीडया प्रभारी कृष्णा शर्मा काली ने सीएम ममता बनर्जी को आगाह किया कि वे राष्ट्रधर्म का पालन करें और हिंसा पर विराम लगाएं. पूर्व महानगर अध्यक्ष नंदजी प्रसाद ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार के बनते ही यह घटना लोकतंत्र को शर्मसार कर रही है. विकास सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद ममता बनर्जी खून की होली खेल रही हैं, जो बर्दाश्त के लायक नहीं है. भाजपा नेता सतवीर सिंह सोमू ने भी बंगाल सरकार के खिलाफ धरना दिया. इस धरने में देवेंद्र सिंह, बिनोद सिंह, संजीव सिन्हा, बारी मुर्मू, जितेंद्र राय, प्रेम झा, मुचीराम बाउरी, ज्योति अधिकारी, सुबोध झा, भाजपा ओबीसी मोर्चा के पूर्व प्रवक्ता श्रीकांत देव, प्रशांत पोद्दार, समेत कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए.

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