जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय
जमशेदपुर : धनबाद के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद के असामयिक निधन पर व्यवहार न्यायालय जमशेदपुर के न्यायिक पदाधिकारी एवं कर्मचारियों ने उनके प्रति शोक जताने के लिए प्रार्थना सभा आयोजित की. सभी ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए शोक संवेदना जताई तथा दो मिनट का मौन भी रखा. ज्ञात हो कि उनका निधन 28 जुलाई को हो गया था.
उपस्थित लोगों ने कहा कि स्व. उत्तम आनंद स्वभाव से काफी शालीन व्यक्ति थे तथा दूसरों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहते थे. वे 29 मई, 2002 को न्यायिक सेवा में अपना योगदान दिये थे. उन्होंने बोकारो, चतरा, जमशेदपुर, गुमला, राँची, डाल्टेनगंज तथा बोकारो न्यायमंडल के तेनुघाट में अपना बहुमूल्य सेवा दी. उनकी अंतिम पदस्थापना धनबाद न्यायमंडल में थी. सन् 2006 से 2010 तक वे जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में पदस्थापित थे तथा उनका न्यायिक कार्यकाल तथा व्यक्तित्व उल्लेखनीय तथा अविस्मरणीय रहा. हर पदाधिकारी तथा व्यक्ति जो उनके साथ काम किये अथवा उनके संपर्क में आये, उनके व्यक्तित्व, न्यायिक कार्य और व्यवहार से इतने प्रभावित हुए कि उनकी स्मृति एक अमिट छाप के रूप में समाहित हुई.
लोगों ने स्व आनंद को याद करते हुए कहा कि उनकी परिवारिक पृष्ठभूमि कानूनविदो की है. उनके पिता, भाई तथा साले भी वकालत पेशा से जुड़े हुए हैं. स्व. आनंद हजारीबाग निवासी थे और अपने पीछे दो पुत्रियों, एक पुत्र तथा पत्नी छोड़ गये हैं. उनकी असामयिक तथा दुःखद मृत्यु सिर्फ उनके अपने परिवार व झारखंड न्यायिक पदाधिकारियों के परिवार अथवा न्यायिक संस्थान की ही क्षति नहीं है, बल्कि पूरे देश के न्यायिक परिवार तथा समस्त विश्व के ऐसे व्यक्ति, जो न्यायिक कार्य का संपादन करते हैं, की अपूरणीय क्षति है. अंत मे सभी ने एकस्वर से उनकी आत्मा की शांति हेतु भगवान से प्रार्थना की. संकल्प लिया कि न्याय के इस मंदिर में कार्य करनेवाले सभी न्यायिक पदाधिकारी, कर्मचारी, अधिवक्ता तथा पक्षकार निष्पक्ष तथा निर्भयता की भावना से अपने कार्यों का सम्पादन करते रहेंगे.