नेक काम करने के बाद भी उजड़ गई जिंदगी

पत्नी पुष्पा रानी तिर्की का रो-रोकर बुरा हाल
विचाराधीन कैदी हरपाल थापर को अंतिम विदाई

जमशेदपुर : खड़ंगाझाड़ स्थित शमशेर टावर आवास निवासी हरपाल सिंह थापर की घाघीडीह जेल में निधन होने के बाद रविवार को अंतिम विदाई दी गई. इसके पूर्व जेल में उसी मामले में बंद थापर की पत्नी पुष्पा रानी तिर्की को सुरक्षा के बीच घर लाया गया. उन्होंने पति के अंतिम दर्शन किए, शव से लिपट कर रोती बिलखती पत्नी पुष्पा अपने पति को उठने के लिए कह रही थी. वह कह रही थी कि आपने वादा किया था कि सबकुछ ठीक कर दूंगा, अब क्या होगा मेरा. किसके सहारे रहूंगी, हे प्रभु इतने नेक काम करने के बावजूद मेरी जिंदगी उजड़ गई. बेटी खुशी को परिवार के लोग पिता का आशीर्वाद दिलाते रहे. वह नम आंखों से पिता को निहारती रही. छह साल की खुशी शायद यह नहीं जानती थी कि उसके पिता हमेशा के लिए छोड़ गए हैं. यहां विधि विधान पूरा करने के अरदास हुई और टेल्को गुरुद्वारा में शव को माथा टेकाते हुए सुवर्णरेखा बर्निंग घाट में थापर का अंतिम संस्कार कर दिया गया. छोटे चचेरे भाई सतविंदर सिंह उर्फ सुकेत ने सारी विधि सम्पन्न कराई.

पत्नी ने सीबीआई जांच की उठाई आवाज

मेरे पति हट्टे कट्टे थे, कभी बीपी की गोली नहीं ली, फिर इतना बड़ा घाव कैसे हो गया


स्व. थापर की पत्नी पुष्पा रानी तिर्की ने कहा कि सात जून को तब यह मामला शुरू हुआ जब ट्रस्ट की दो युवतियां खाना में गड़बड़ी का मामला उठाया, फिर मामला दूसरी ओर घूम गया. झूठा केस करके जेल भेज दिया गया, वे बोलते थे कि मैं सब ठीक कर दूंगा. गत सोमवार को कोर्ट में वीसी से पेशी के वक्त मेरी उनसे मुलाकात हुई. वे पहले की तरह हट्टे कट्टे स्वस्थ थे. फिर अगले दिन वार्ड के पास चक्कर मारते हुए आए और हमें हिम्मत देकर हालचाल जाना. शुक्रवार को फिर पेशी होनी थी, वे नहीं आये. बताया गया कि उनके दोनों पांव में सूजन है. मैंने उनसे मिलने की कोशिश की, बाहर झांकती रही. शनिवार को मनहूस खबर सुबह 7.30 बजे मिली. इतना कहते हुए पुष्पा फफक फफक कर रो पड़ती है.
पति को अंतिम विदाई देने के बाद अपने सगे संबंधियों से घिरी पुष्पा की गोद मे मासूम बेटी थी. एक और बेटी जो हरपाल को मामा की तरह मानती थी, वह भी बेसुध रो रही है. पुष्पा रानी ने पत्रकारों को बताया कि उनके शरीर में कोई खरोच नहीं थी, इतना बड़ा छेद पैर में कैसे पड़ गया. जेल के डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही की है. इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.

जेल का हवलदार बेहोश होकर गिरा

इधर, जेल से पुष्पा रानी की सुरक्षा में आया हवलदार सुधांशु कुमार महतो हरपाल का शव निकलते ही बेसुध होकर गिर पड़ा. अन्य साथी जवान व लोगों ने उसे उठाया, चीनी पानी का घोल देते हुए हवा करने लगे. साथी जवान ने बताया कि पहले से तबियत खराब थी, ड्यूटी मिलने पर उसने किसी को कुछ कह नहीं और निकल गया, गर्मी के कारण भी वह मूर्छित हो सकता है.

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