नारगा-बड़ारडीह सड़क पर पैदल चलना हुआ दुश्वार

16 वर्ष पूर्व बनी थी कच्ची सड़क, अब निकल आये हैं बोल्डर
जमशेदपुर : जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के एमजीएम थाना अंतर्गत नारगा बड़ारडीह गांव को आपस में जोडऩेवाली सड़क 16 वर्षों से अदद पक्का होने की बाट जोह रही है. लगभग 16 वर्ष पूर्व उक्त कच्ची सड़क का निर्माण (ग्रेड-वन) विधायक निधि से किया गया था. उस वक्त इसे सिर्फ मुरुम तथा बोल्डर डालकर तैयार किया गया था. उसके बाद कितने ही वर्ष बीत गये, लेकिन दोनों गांव के लगभग 1500 परिवार आज भी इसके पक्का होने का इंतजार कर रहे हैं. इतने दिनों में सड़क की स्थिति यह है कि मुरुम तो निकल गये, सिर्फ बड़े-बड़े बोल्डर रह गये हैं. इन सड़क पर वाहन तो दूर की बात, पैदल चलना भी कष्टकर लगता है. वैसे देवघर पंचायत के पंचायत समिति सदस्य कड़ाकर गौड़ सहित क्षेत्र के कुछ समाजसेवी अपने निजी खर्च से इसपर मिट्टी डालकर चलने लायक बनाने में प्रयास में है.
इस बावत ग्रामीणों में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ खासा गुस्सा है. गांव के मुखिया भागीरथ सिंह का कहना है कि प्रत्येक चुनाव में प्रत्याशी गांव आते हैं और जीतने के बाद सड़क मरम्मत का वादा जरुर करते हैं, लेकिन जीतने के बाद ही इसका निर्माण उनकी प्राथमिकता से गायब हो जाती है. अबतक कई मंत्री, सांसद, विधायक, पार्षद आदि आये और आश्वासन की घुट्टी पिलाकर चलते बने, लेकिन सड़क की स्थिति आज भी जैसी की तैसी ही है. सरकारी अधिकारियों तक भी उनकी समस्या पहुंचाई गई, लेकिन वे भी उन्हें भाव नहीं देते.

खराब सड़क से कई लोग हो चुके हैं घायल : कड़ाकर
गांव के सक्रिय युवा कड़ाकर गौड़ बताते हैं कि सड़क खराब होने के कारण आयेदिन कई लोग घायल होते हैं. बच्चों को स्कूल, बीमार को अस्पताल आदि तक ले जाने में यहां के लोगों को काफी परेशानी होती है. बारिश के दिनों में तो स्थिति भयावर हो जाती है. चलना तक दुश्वार हो जाता है. गांव की उषा सिंह, सुमित्रा सिंह सहित सोम पात्रो, कालीपदो गिरी, दिलीप दास, राजू पात्रो, जुलु बास्के आदि ने भी सड़क नहीं बनने पर नाराजगी जताई.

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