रांची/नयी दिल्ली : १८ नवंबर झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सामने सहयोगी दलों की चुनौतियों के बीच झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने कहा है कि भाजपा के सहयोगी दल ‘डूबते जहाज को छोड़कर जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें हवा के रुख का अंदाजा हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने भाजपा पर ‘कुशासन का और उससे ध्यान हटाने के लिए राष्ट्रवाद जैसे भावनात्मक मुद्दे उठाने का आरोप लगाया.
झामुमो नीत विपक्षी गठजोड़ के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हेमंत सोरेन ने कहा कि विधानसभा चुनाव भूमि अधिग्रहण और बेरोजगारी जैसे राज्य स्तर के मुद्दों पर लड़ा जायेगा. सोरेने ने कहा, ‘यह लोकसभा चुनाव नहीं है, यह राज्य का चुनाव है. लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मुद्दे हावी होते हैं, जो हो चुका है और उसके लिए जनादेश मिल चुका है. अब राज्य के मुद्दों पर राज्य के चुनाव लड़े जायेंगे.
उन्होंने कहा, ‘हम जम्मू या गुजरात में छोटानागपुर टेनेंसी और संथाल परगना टेनेंसी कानूनों की बात नहीं कर सकते. हम अन्य कहीं वन अधिकारों की बात नहीं कर सकते. अगर राज्य के मुद्दे प्रदेश में नहीं, तो कहां उठाये जायेंगे? अगर हर जगह राष्ट्रवाद की बात होगी, तो राज्य की समस्याओं को कहां उठाया जायेगा?वह झामुमो, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विपक्षी गठबंधन की अगुवाई कर रहे हैं.
गठबंधन के सीट बंटवारे के समझौते के तहत झामुमो 43 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. कांग्रेस 31 और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सात सीटों पर किस्मत आजमायेगा. क्या अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का चुनाव पर कोई असर पड़ सकता है, इस प्रश्न के जवाब में हेमंत ने कहा कि मामला अब पुराना हो गया है. राज्य के चुनावों में इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है. अदालत ने फैसला सुना दिया है और इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना सही नहीं है.
हेमंत सोरेन ने कहा कि इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है तथा सभी को इसका पालन करना चाहिए. श्री सोरेन ने कहा कि झारखंड की जनता अब रघुवर दास नीत सरकार के ‘झांसे में और नहीं आयेगी. जनता बदलाव के लिए वोट देगी. उन्होंने इसके लिए भाजपा नीत गठबंधन में आ रही समस्याओं की ओर भी इशारा किया