मरीज के साथ कहीं पैसे में बाधा तो कहीं इलाज की सुविधा नही
जमशेदपुर, 3 मई (रिपोर्टर):- कोरोना वायरस को लेकर लगाए गए लॉकाउन में गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल के संचालक डा. नागेन्द्र ने चार गंभीर मरीजों की जिन्दगी बचायी. किसी मरीज की आंत फटी थी तो किसी को अल्सर व लीवर में घाव की समस्या थी. मरीजों के इलाज में कहीं पैसा बाधा बना था तो कहीं इलाज की सुविधा ही नहीं थी. जिन्दगी व मौत से जूझ रहे चार मरीजों की नि:शुल्क सर्जरी कर डा. नागेन्द्र सिंह ने मरीजों की जान बचायी.
कोरोना वायरस को लेकर लगाए गए लॉकडाउन में चार अलग-अलग जगहों के मरीज अपनी गंभीर बीमारी को लेकर सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में अपनी जिन्दगी बचाने के लिए इधर-उधर भटक रहे थे. सरकारी अस्पताल में गंभीर बीमारी होने के कारण भर्ती नहीं लिया जा रहा था तो प्राइवेट अस्पताल में इतनी राशि मांगी जा रही थी कि वे इलाज कराने में असमर्थ थे. ऐसे में डा. नागेन्द्र सिंह की मदद करने के लिए आगे आए. मरीज के परिजन उन्हें कहीं इलाज नहीं मिलने के बाद किसी तरह से जानकारी मिलने के बाद गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल अपने-अपने मरीज को लेकर पहुंचे. गंगा मेमोरयिल हॉस्पिटल के संचालक डा. नागेन्द्र सिंह ने उन चारों मरीज की जान बचायी. मरीज के पूरे शरीर में विष फैल गया था. उन्होंने नि:शुल्क सर्जरी कर उन्हें बचाया. वे अपनी मांग गंगा देवी की सिखायी बातों पर चल कर मरीजों की सेवा कर रहे.
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एमजीएम व सदर में नहीं मिला इलाज
पोटका निवासी राज भगत के लीवर में घाव था. उसके लीवर का घाव फट गया था जिससे उसके पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल गया था. उसके परिजन उसे सदर अस्पताल लेकर पहुंचे. सदर अस्पताल में एमजीएम अस्पताल भेज दिया गया. मरीज के परिजनों के अनुसार उसे एमजीएम अस्पताल भेज दिया गया. अस्पताल में डॉक्टरों ने बाद में आने की बात कही. उसके पास उतना पैसा नहीं था कि वह बाहर इलाज करा सके. उसे किसी ने गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल में जाने की सलाह दी. डा. नागेन्द्र सिंह ने उसकी नि:शुल्क सर्जरी कर उसकी जान बचायी.
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मरीज के पेट में फटा था अल्सर, जिन्दगी बची
बहरागोड़ा निवासी बिपलो दोलाई के पेट में होने वाला अल्सर फट गया था. उसके परिजन लॉकडाउन में इलाज के लिए सरकारी अस्पताल के चक्कर लगा रहे थे. इस बीच परिजन मरीज को सांसद विद्युत वरण महतो व विधायक समीर महतो के पास पहुंचे. उन्होंने मरीज को गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल पहुंचे. डा. नागेन्द्र ने मरीज की नि:शुल्क सर्जरी कर उसकी जान बचायी.
मरीज के पेट में फटा एपेंडिक्स
बहरागोड़ा निवासी सुभाष पात्रो के पेट में एपेंडिक्स फट गया था. उसके परिजन उसका इलाज करानेे के लिए एमजीएम अस्पताल का चक्कर लगा रहे थे. एमजीएम अस्पताल में उसे बाद में बुलाया जाता था. किसी तरह से परिजन उसे लेकर गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल पहुंचे. जब उन्होंने उसकी जांच की तो पता चला कि उसके पेट में एपेंडिक्स का गोला फट गया है जिससे पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल गया था. उन्होंने तत्काल सर्जरी कर मरीज की जान बचा ली. परिजन जिस तरह से एमजीएम अस्पताल का बार-बार चक्कर लगा रहे थे. ऐसे ही एमजीएम अस्पताल में चक्कर लगाते रहते थे मरीज की जान बचाना भी नहीं बचती.
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मरीज टीएमएच में पैसे के अभाव में नहीं करा रहा था इलाज
पश्चिम बंगाल निवासी शेख कुर्बान के लीवर में घाव था जो फट गया था जिससे उसके शरीर में इंफेक्शन फैल गया था. मरीज के परिजन पहले सरकारी अस्पताल पहुंचे तो इलाज नहीं मिला. परिजनों के अनुसार बाद में वे लोग मरीज को लेकर टीएमएच पहुंचेे. उसे टीएमएच में भर्ती कराया गया. उसके इलाज पर करीब चार से पांच लाख रुपये खर्च बताया. वे लोग उसकी छुट्टी कराने के बाद गंगा मेेमोरियल अस्पताल पहुंचे. गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल के संचालक डा. नागेन्द्र सिंह ने उसकी नि:शुल्क सर्जरी कर जान बचायी.