नई दिल्ली. 23 अक्टूबर (इएमएस)केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को रबी की फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी समेत कई अहम फैसले हुए। आर्थिक संकट से जूझ रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी एमटीएनएल का बीएसएनएल में मर्जर होगा। एमटीएनएल मर्जर प्रक्रिया पूरी होने तक बीएसएनएल की सब्सिडियरी बनी रहेगी। दोनों कंपनियों को 4जी स्पेक्ट्रम अलॉट किया जाएगा। स्पेक्ट्रम का खर्च सरकार उठाएगी। दोनों कंपनियों को 20,140 करोड़ रुपए की पूंजी दी जाएगी। स्पेक्ट्रम पर लगने वाले 3,674 करोड़ रुपए के जीएसटी का खर्च भी सरकार उठाएगी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 4जी सेवाओं के जरिए दोनों कंपनियां प्रतिस्पर्धी बनेंगी। दोनों कंपनियों के लिए 15 हजार करोड़ रुपए के सॉवरेन बॉन्ड जुटाए जाएंगे। दोनों कंपनियों के कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग भी होगी।
कर्मचारियों के लिए 17169 करोड़ रुपए की वीआरएस योजना
सरकार ने बीएसएनएनल 1 लाख 65 हजार 179 और एमटीएनएल के 21,679 कर्मचारियों के लिए आकर्षक वीआरएस योजना भी पेश की है। 50 साल या अधिक उम्र के कर्मचारी इसका फायदा ले सकेंगे। इस स्कीम के लिए अतिरिक्त 17,169 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी। दोनों कंपनियां योजना का प्रारूप तय करेंगी।
मर्जर का फैसला क्यों?
एमटीएनएल और बीएसएनएल लंबे समय से घाटे में चल रही हैं। दोनों कंपनियों को पिछले महीनों में कई बार कर्मचारियों का वेतन देने में भी दिक्कतें आ चुकी हैं। बीएसएनएल को 2018-19 में करीब 14,202 करोड़ रुपए का घाटा होने का अनुमान है। 2017-18 में 7,993 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। 2016-17 में 4,793 करोड़ और 2015-16 में 4,859 रुपए का घाटा हुआ था।
रबी की 6 फसलों के समर्थन मूल्य में 85 से 325 रुपए तक बढ़ोतरी
कैबिनेट ने रबी की फसल के समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की मंजूरी भी दी। प्रमुख फसल गेहूं का एमएसपी 85 रुपए बढ़कर 1925 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है, पहले 1840 रुपए था। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर, रविशंकर प्रसाद और हरदीप सिंह पुरी ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।