अयोध्या पर ऐतिहासिक फैसला 13-15 नवंबर के बीच आने की उम्मीद
यूपी के डीजीपी और मुख्य सचिव को झभ के चीफ जस्टिस ने बुलाया
फैसले से पहले राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर लिया अपडेट
सीएम योगी ने देर रात टॉप अफसरों के साथ की अहम बैठक
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में ऐतिहासिक फैसले से पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने यूपी के डीजीपी और मुख्य सचिव से राज्य के हालात पर अपडेट लिया है। जस्टिस गोगोई ने सूबे के डीजीपी ओपी ङ्क्षसह और मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी को मुलाकात के लिए आज दिल्ली बुलाया था। इस दौरान उन्होंने पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। सीजेआई से मुलाकात के बाद मुख्य सचिव ने कहा, ‘हम लोगों की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। सुरक्षा व्यवस्था की लगातार समीक्षा की जा रही है।’
जस्टिस गोगोई ने अपने चेंबर में यूपी के दोनों टॉप अफसरों से सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की जानकारी ली। चीफ जस्टिस के साथ दोनों अधिकारियों की यह मीङ्क्षटग करीब डेढ़ घंटे तक चली। बताया जा रहा है कि अयोध्या केस पर बनी संवैधानिक पीठ में शामिल सभी पांचों जज इस बैठक में मौजूद थे।
भव’ से क्या बात हुई
सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों ने सीजेआई को अयोध्या केस पर फैसले के बाद कानून और व्यवस्था की स्थिति को संभालने की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। यूपी के अधिकारियों ने भव’ को जानकारी दी कि अयोध्या के फैसले के बाद पूरा प्रशासन यूपी के सभी जिलों में हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। भव’ ने यूपी के अधिकारियों को सभी कदम उठाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि अयोध्या पर फैसले के बाद पूरे यूपी में किसी भी जगह कोई अप्रिय घटना न हो।
सीएम योगी ने भी दिया है निर्देश
इससे पहले गुरुवार को देर रात सीएम योगी आदित्यनाथ ने विडियो कॉन्फ्रेंङ्क्षसग के जरिए प्रदेश के डिविजनल कमिश्नरों, डीएम और अन्य उच्चाधिकारियों से बात कर सुरक्षा का जायजा लिया था। सीएम योगी ने अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए लखनऊ और अयोध्या में दो हेलिकॉप्टरों को तैनात रहने का आदेश दिया है।
इन 3 दिनों में आ सकता है अहम फैसला
माना जा रहा है कि अगले सप्ताह 13, 14 या 15 तारीख में से किसी भी दिन अयोध्या को लेकर फैसला आ सकता है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त हो रहा है और उससे पहले ये तीन दिन ही वङ्क्षर्कग डेज हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इसी दौरान फैसला आ सकता है।
कांग्रेस बोलती है कि जन्मभूमि का ताला राजीव ने खुलवाया था। ये क्यों नहीं बताती की ताला जवाहर लाल नेहरू ने ही लगवाया था ?
अयोध्या में चाकचौबंद हुई सुरक्षा, संदिग्धों पर नजर
इस बीच, अयोध्या में सुरक्षा चाकचौबंद कर दी गई है। शहर के हर मुख्य चौराहे पर पुलिस ने बैरिकेङ्क्षडग लगाई है और किसी भी अज्ञात वाहन और संदिग्ध लोगों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इससे पहले प्रशासन ने 500 लोगों को अरेस्ट किया है, जबकि 12,000 लोगों पर नजर रखी जा रही है। सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जा रही है। यूपी के डीजीपी ने बताया है कि करीब 1500 सोशल मीडिया अकाउंट्स पर प्रशासन की नजर है, जिससे किसी भी तरह के उकसावे वाले बयान या अफवाह न फैल सकें।
17 नवंबर से पहले आ सकता है फैसला
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। शीर्ष अदालत ने 16 अक्टूबर को मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। उनके रिटायरमेंट से पहले राम मंदिर पर फैसला कभी भी आ सकता है। ऐसे में यूपी सरकार ने अयोध्या समेत प्रदेशभर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अपने कार्यकाल के अंतिम तीन वङ्क्षर्कग डेज में अयोध्या समेत चार बड़े मामलों पर फैसला दे सकते हैं।