रांची ,27 दिसंबर (इएमएस):स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों एवं पारा शिक्षकों से कोई कार्य नहीं लेने तथा उनको कार्यमुक्त करने का आदेश दिया है। उन्होंने इस संबंध में सभी उपायुक्तों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षकों को निर्देश देते हुए कहा है कि ऐसे किसी शिक्षक या पारा शिक्षक को वेतन या मानदेय का भुगतान नहीं किया जाए जो अप्रशिक्षित हैं। यदि उनसे कार्य लिए जाने के कारण वेतन संबंधित दावा आता है, तो इसकी वसूली संबंधित पदाधिकारियों से होगी। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के इस आदेश से करीब साढ़े चार हजार अप्रशिक्षित पारा शिक्षक, शिक्षक प्रभावित होंगे।
विभाग के प्रधान सचिव एपी ङ्क्षसह ने निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों तथा केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के निर्देश के आलोक में यह निर्देश दिया है। बकायदा उन्होंने कोषागार पदाधिकारियों को भी निर्देश दिया है कि शिक्षकों के वेतन आदि का भुगतान उनके प्रशिक्षण संबंधित ब्योरा प्राप्त करने के बाद ही किया जाए। उन्होंने पारा शिक्षकों के मामले में यह जिम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सौंपी है। सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को भी यह आदेश सुनिश्चित करने को कहा है।
बताते चलें कि केंद्र सरकार द्वारा आरटीई अधिनियम के तहत अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों एवं अन्य शिक्षकों को 31 मार्च 2019 तक प्रशिक्षण प्राप्त करने का अंतिम मौका दिया गया था। इसके लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान से सरकारी स्कूलों के 13,518 शिक्षकों/पारा शिक्षकों एवं प्राइवेट स्कूलों के 56,657 शिक्षकों को सेवारत रहते हुए प्रशिक्षण दिया गया। लेकिन, कई शिक्षक व पारा शिक्षक राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान द्वारा ली गई परीक्षा में असफल हो गए थे। इसके बाद झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने केंद्र के निर्देश पर लगभग साढ़े चार हजार अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया है और उनका मानदेय भुगतान नहीं हो रहा है।