योजना एक, लाभ अनेक: पोटका के प्रतिशील किसान गुमदी मुर्मू के सफलता की कहानी

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▪️प्रगतिशील किसान गुमदी मुर्मू ने 28 हजार के डोभा को बनाया लाखों के कारोबार का साधन

▪️डोभा में मछली व बत्तख पालन के साथ-साथ 5 एकड़ की जमीन में डोभा से सिंचाई का लाभ लेकर कर रहे सब्जी, गन्ना की खेती
jamshedpur 3 february
सोच सकारात्मक हो तो दुनिया का कोई भी कार्य असंभव नहीं है… कुछ ऐसा ही कर दिखाया है पोटका प्रखंड के हरिणा पंचायत अंतर्गत मागड़ु (चिरूगोड़ा) गांव के प्रगतिशील किसान गुमदी मुर्मू ने । किसान गुमदी मुर्मू ने कोरोनाकाल में सरकार की जनकल्याणकारी योजना का लाभ लेते हुए अपने खेत में (30x30x10) का डोभा निर्माण कराया जिसकी कुल प्राक्कलित राशि 28, 729 रूपए थी । मई माह में मनरेगा के तहत डोभा निर्माण शुरू किया गया था जिसे जल्द ही पूरा भी कर लिया गया । किसान गुमदी मुर्मू बताते हैं कि लॉकडाउन के समय में राज्य सरकार ने स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु कई योजनाओं की शुरूआत की थी जिसकी जानकारी जिला व प्रखंड प्रशासन द्वारा विभिन्न माध्यमों से मिलता रहता था । किसान गुमदी मुर्मू को स्वरोजगार हेतु अपने खेत में डोभा निर्माण कराना उचित लगा । इन्होंने कोरोनाकाल में अपने घर के समीप बनाये गये डोभा को न केवल बहुपयोगी बनाया, बल्कि उसमे लाखों का कारोबार शुरू किया, जिससे अमदनी भी मिलना शुरू हो गया है…
▪️मछली- बत्तख पालन के साथ-साथ नवंबर से सब्जी की खेती शुरू किया
किसान गुमदी मुर्मू बताते हैं कि योजना के पूर्ण होते ही उन्होंने सबसे पहले डोभा में पानी भरकर मछली पालन शुरू किया, जिसके बाद बत्तख पालन तथा नवंबर महीने से 5 एकड़ जमीन में सब्जी व गन्ना की खेती कर रहे हैं । उन्होने बताया कि डोभा में 320 मछली का बीजा डाले थे जिसमें मछलियां फिलहाल एक-एक किलो की हो गई हैं, जबकि बत्तख के छोटे-छोटे बच्चे बड़े हो गये है। वहीं नंबवर से शुरू किये गये गन्ना, बैगन, टमाटर, आलु, धनिया, प्याज, सरसों, गोभी के खेत भी लहलहा रहे है, जिसमें वे अब तक छह हजार रुपये गन्ना से तथा लगभग 10 हजार रूपए सब्जी की खेती से आमदनी कर चुके हैं ।
▪️कोरोनाकाल में लोगों को काम भी मिला, अब आमदनी भी हो रही : सरस्वती मुर्मू(पूर्व मुखिया)
हरिणा पंचायत की पूर्व मुखिया सरस्वती मुर्मू कहती हैं कि कोरोनाकाल में लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से राज्य सरकार की कई जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे पोटो हो खेल मैदान, बिरसा हरित क्रांति, नीलांबर पीतांबर जल समृद्धि योजना, डोभा निर्माण आदि को पंचायत एवं ग्राम स्तर पर धरातल पर उतारा जा रहा था। इसी क्रम में किसान गुमदी मुर्मू ने डोभा निर्माण कराया था । डोभा निर्माण में एक तरफ स्थानीय मजदूरों को तो रोजगार मिला वहीं गुमदी मर्मू द्वारा डोभा बनाने के बाद यहां मछली व बत्तख पालन तथा खेती कार्य शुरू किया गया, जो खेती अब सभी के सामने है । यह डोभा काफी लाभकारी साबित हो रहा है ।

▪️सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही, जरूरत है हम सभी किसान उसका लाभ लेकर अपनी आर्थिक स्थिति को और मजबूत करें- गुमदी मुर्मू, प्रगतिशील किसान

गुमदी मुर्मू कहते हैं कि सरकार की कोई भी योजना गरीब, किसान, वंचितों को ध्यान में रखकर ही बनाई जाती होगी …ऐसे में जरूरत हैं कि हम सभी नागरिक जागरूक होकर उन योजनाओं का लाभ लें तथा उसमें और कितना बेहतर कर सकते हैं यह जरूर सोचें । गुमदी कहते हैं कि पहले उनका प्लान डोभा में मछली व बत्तख पालन ही करने का था लेकिन आसपास के खेतों में सिंचाई की सुविधा देखते हुए 5 एकड़ में सब्जी व गन्ना की भी खेती शुरू कर दिया जिसमें आने वाले समय में लाखों का कारोबार किया जा सकेगा, फायदा अभी से दिखने लगा है ।

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