एनआईए की विशेष अदालत में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा पर आज बहस पूरी हो गई है. कोर्ट कुछ देर में सजा का ऐलान करेगी. जानकारी के मुताबिक, इस बहस के दौरान यासीन मलिक ने कोर्ट से कहा कि, ‘मैं आपसे कोई भीख नहीं मांगूंगा आपको जो सही लगता है आप सज़ा दीजिए.’
दरअसल, यासीन मलिक को जिन धाराओं में दोषी ठहराया गया है उसमें अधिकतम मौत की सजा या कम से कम उम्र कैद की सजा का प्रावधान है जिस पर अब से कुछ देर बाद एनआईए कोर्ट सजा सुनाएगी. बता दें, कोर्ट में यासीन ने जज से कहा कि, बुरहान वानी को मारने के एलान के बाद से ही मैं लगातार जेल में रहा तो मेरे ऊपर ये आरोप कैसे बनते हैं? जिस पर कोर्ट ने कहा कि अब ये मौका नहीं है. वहीं, यासीन ने इसका जवाब देते हुए कहा कि, ‘मैं आपसे कोई भीख नहीं मांगूंगा आपको जो सही लगता है आप सज़ा दीजिए पर ये ज़रूर देख लीजिए कि क्या कोई ऐसा सबूत है कि मैंने आतंकियों का समर्थन किया है?
दरअसल, यासीन मलिक पर आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने समेत गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने और कश्मीर की शांति भंग करने की धाराओं में आरोप तय किए गए थे. यासीन मलिक ने इन आरोपों को अदालत के सामने कबूल भी कर लिया था जिसके बाद 19 मई को अदालत ने यासीन मलिक को दोषी करार दिया.
यासीन मलिक पर यूएपीए की धारा
एनआईए की विशेष अदालत ने यासीन मलिक के खिलाफ यूएपीए की धारा-16 (आतंकवादी गतिविधि में शामिल होना), धारा-17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाना), धारा-18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचना ), धारा-20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होना) और आईपीसी की धारा 120 बी यानी आपराधिक साजिश रचना, 124 ए यानी देशद्रोह समेत अन्य धाराओं में आरोप तय किए थे. पिछली सुनवाई के दौरान ही यासीन मलिक ने अदालत द्वारा तय किए गए इन आरोपों को कोर्ट के सामने स्वीकार कर लिया था और इस मामले में मुकदमा लड़ने से मना कर दिया था.
यासीन के अलावा इन अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोप तय
यासीन मलिक के अलावा अदालत ने शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट्ट, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख समेत अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ ये आरोप तय किए थे. जांच एजेंसी द्वारा दायर की गई चार्जशीट में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का भी नाम था फिलहाल वो इस मामले में भगोड़ा घोषित हो चुके हैं.