ड्राइवर को पड़ा दौरा तो महिला ने स्टेयरिंग थामकर खाई में गिरने से बचाया,10 किमी तक चलाई बस,बचाई 24 यात्रियों की जान

पुणे महाराष्ट्र के पुणे जिले में महिलाओं और बच्चों को ले जा रही एक मिनी बस के चालक को अचानक दौरा पड़ गया। इसके बाद एक महिला ने दिलेरी दिखाते हुए खुद ड्राइविंग सीट की कमान संभाली और 10 किमी तक बस चलाकर ड्राइवर को अस्पताल में भर्ती कराया। यह घटना सात जनवरी को हुई थी जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
महिला योगिता साटव (42) अन्य महिलाओं और बच्चों के साथ पुणे के निकट शिरूर में एक कृषि पर्यटन स्थल पर पिकनिक मनाने के बाद बस से लौट रही थीं। तभी बस चालक को दौरा पड़ने लगा । बस अनियंत्रित होकर खाई में गिरने लगी तो उसमें यात्रा कर रही एक महिला ने गजब का साहस दिखाकर 24 यात्रियों की जान बचा ली। महिला ने फुर्ती दिखाते हुए बस की स्टेयरिंग संभाली और उसे चलाते हुए बड़ी दुर्घटना होने से बचा ली। महिला के इस साहसी काम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

महिला ने 10 किमी तक चलाई बस
बस में मौजूद बच्चों और महिलाओं को घबराया हुआ देख योगिता साटव ने बस का संचालन अपने हाथों में ले लिया और करीब 10 किलोमीटर तक बस चलाकर ड्राइवर को एक अस्पताल में भर्ती कराया।
कार चलाना जानती थी, पहले कभी नहीं चलाई थी बस
योगिता ने बताया कि मैं कार चलाना जानती थी, लेकिन मैंने पहले कभी बस नहीं चलाई थी। ड्राइवर और अन्य यात्रियों की जान खतरे में देखकर मैंने बस चलाने का डिसिजन लिया। इसके बाद ड्राइवर को साइड में किया और फिर बस का स्टेयरिंग संभाल लिया। सबसे पहले ड्राइवर को इलाज की जरूरत थी। उसे पास के गांव के हॉस्पिटल में भर्ती कराया और फिर अन्य साथी महिला यात्रियों को उनके डेस्टिनेशन तक पहुंचाया।
ड्राइवर को सही समय पर हॉस्पिटल पहुंचाया
जानकारी के अनुसार, पुणे के वाघोली की 23 महिलाओं का ग्रुप 7 जनवरी को शिरूर तालुका के मोराची चिंचोली में घूमने के लिए गया था। तभी अचानक यह घटना हुई। इसी दौरान ड्राइवर को मिर्गी का दौरा आया और वह गिर पड़ा। बस में सवाल महिलाओं और उनके साथ मौजूद बच्चों ने डरकर चीखना और रोना शुरू कर दिया। तभी योगिता ने बस का स्टेयरिंग संभाल लिया और उसे चलाते हुए अगले गांव तक लेकर आईं।
यहीं एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ड्राइवर का इलाज किया गया। फिलहाल उसकी हालत ठीक है और डॉक्टर्स का कहना है कि उसे जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। संकट की घड़ी में योगिता ने बस की कमान संभालकर जिस तरह ड्राइवर और दूसरी महिलाओं की जान बचाई, उसकी चारों ओर तारीफ हो रही है।

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