: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए अलग स्मारक बनाने का प्रस्ताव देने की आलोचना की है. शर्मिष्ठा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने उनके पिता के निधन के बाद कोई संवेदना बैठक तक नहीं बुलाई थी.
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि अगस्त 2020 में उनके पिता के निधन पर कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) ने कोई शोक सभा नहीं की. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने उन्हें बताया था कि भारतीय राष्ट्रपति के लिए ऐसी बैठकें आयोजित नहीं होतीं जिसे उन्होंने “बेहद बेतुका” बताया.
कांग्रेस के रवैये को लेकर प्रणब मुखर्जी की बेटी ने जताई नाराजगी
शर्मिष्ठा ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने अपने पिता की डायरी से यह जाना कि पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन के निधन पर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश का ड्राफ्ट भी उनके पिता प्रणब मुखर्जी ने तैयार किया था. उन्होंने कांग्रेस के इस रवैये को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की.
2004 में पीवी नरसिम्हा राव के लिए कांग्रेस ने नहीं बनवाया स्मारक
शर्मिष्ठा ने बीजेपी के नेता सी.आर. केसवण के एक पोस्ट का हवाला भी दिया जिसमें बताया गया था कि कैसे कांग्रेस ने “गांधी परिवार” के सदस्य नहीं होने की वजह से पार्टी के बाकी नेताओं की उपेक्षा की. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस ने 2004 में दिवंगत हुए पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के लिए दिल्ली में कोई स्मारक नहीं बनवाया और न ही उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करने की इच्छा जताई थी.
उन्होंने आगे कहा कि “ऐसा कहने के बाद, डॉ. सिंह के लिए एक स्मारक एक महान विचार है। वह इसके हकदार हैं और भारत रत्न भी जिसके हकदार बाबा राष्ट्रपति के रूप में उन्हें दो बार सम्मान दिलाना चाहते थे। लेकिन शायद दो कारणों से ऐसा नहीं हो सका, जिन्हें बताने की जरूरत नहीं है”।
Sharmistha Mukherjee कांग्रेस पर क्यों लगा रही है गंभीर आरोप?
दरअसल Sharmistha Mukherjee कांग्रेस पर इसलिए गंभीर आरोप लगा रही है क्योंकि उनके पिता Pranab Mukherjee के मुत्यृ के दौरान कांग्रेस ने CWC की शोक सभा नहीं बुलाई थी। इसके अलावा उन्होंने भाजपा के सीआर केसवन की एक पोस्ट का हवाला भी दिया, जिसमे लिखा गया था कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने अन्य राजनेताओं की सिर्फ इसलिए तरजीह नहीं दी थी क्योंकि वह गांधी परिवार से नहीं जुड़े थे। गौरतलब है कि शर्मिष्ठा मुखर्जी के आरोपों के बाद सवालों के घेरे में आ गई है।
इस मुद्दे पर डॉ. मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे डॉ. संजय बारू की किताब ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ पुस्तक का भी उल्लेख किया गया, जिसमें यह जिक्र किया गया था कि कांग्रेस नेतृत्व ने कभी पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के लिए दिल्ली में कोई स्मारक नहीं बनाया, जिनका 2004 में निधन हो गया था। पुस्तक में यह भी दावा किया गया था कि कांग्रेस ने नरसिम्हा राव के दाह संस्कार को दिल्ली में करने के बजाय हैदराबाद में करने की कोशिश की थी।