वेस्टइंडीज और मायर्स ने रचा इतिहास:चौथी पारी में 395 रन बनाकर बांग्लादेश को हराया

डेब्यू टेस्ट में मायर्स की नाबाद डबल सेंचुरी
चटगांव वेस्टइंडीज ने बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। करियर का पहला टेस्ट खेल रहे काइल मायर्स की नाबाद डबल सेंचुरी (210*) की बदौलत कैरेबियाई टीम ने चौथी पारी में सात विकेट खोकर 395 रन का टारगेट हासिल कर लिया। यह एशिया में सबसे बड़े टारगेट का सफल पीछा करने का रिकॉर्ड है। इससे पहले यह रिकॉर्ड श्रीलंका के नाम था। श्रीलंकाई टीम ने 2017 में गॉल में जिम्बाब्वे के खिलाफ छह विकेट पर 391 रन बनाकर जीत हासिल की थी।
इस टेस्ट में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए 430 रन बनाए थे। जवाब में वेस्टइंडीज ने 259 रन बनाए। बांग्लादेश ने मैच की तीसरी पारी 8 विकेट पर 223 रन के स्कोर पर घोषित कर दी। इससे वेस्टइंडीज को मैच जीतने के लिए 395 रन का टारगेट मिला था।

एशिया में बड़े टारगेट का पीछा करते हुए टॉप-5 जीत
विनिंग स्कोर टीम विरुद्ध सेंटर वर्ष
395/7 वेस्टइंडीज बांग्लादेश चटगांव 2021
391/6 श्रीलंका जिम्बाब्वे कोलंबो 2017
​​​​​387/4 भारत इंग्लैंड चेन्नई 2008
382/3 पाकिस्तान श्रीलंका पल्लेकल 2015
352/9 श्रीलंका साउथ अफ्रीका कोलंबो 2006

मायर्स ने तोड़ा यूनुस खान का रिकॉर्ड
मायर्स ने अपनी पारी में 310 गेंदों का सामना किया और 20 चौके और सात छक्के जमाए। वे एशियाई पिचों पर चौथी पारी में सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने पाकिस्तान के यूनुस खान का रिकॉर्ड तोड़ा है। यूनुस ने 2015 में श्रीलंका के खिलाफ पल्लेकल टेस्ट की चौथी पारी में नाबाद 171 रन बनाए थे।
डेब्यू पर चौथी पारी में सबसे बड़े स्कोर का वर्ल्ड रिकॉर्ड
काइल मायर्स ने डेब्यू टेस्ट में चौथी पारी में सबसे बड़े स्कोर का वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। उन्होंने भारत के अब्बास अली बेग का 62 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। बेग ने 1959 में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट में 112 रनों की पारी खेली थी।
डेब्यू पर डबल सेंचुरी जमाने वाले छठे बल्लेबाज
काइल मायर्स डेब्यू टेस्ट में डबल सेंचुरी जमाने वाले दुनिया के छठे बल्लेबाज बन गए हैं। उनसे पहले टिप फोस्टर (इंग्लैंड), लॉरेंस रोव (वेस्टइंडीज), ब्रेंडन कुरुप्पू (श्रीलंका), मैथ्यू सिंकलेयर (न्यूजीलैंड) और जैक रुडोल्फ (साउथ अफ्रीका) यह कारनामा कर चुके हैं। रुडोल्फ ने 2003 में अपने डेब्यू टेस्ट में डबल सेंचुरी जमाई थी। यानी 18 साल बाद किसी खिलाड़ी ने डेब्यू टेस्ट में डबल सेंचुरी जमाई है।

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