West Bengal politics: TMCसांसद दिनेश त्रिवेदी ने राज्य सभा से की इस्तीफे की घोषणा : दम घुट रहा यहां BJP चले हम

श्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है। उनके बेहद करीबी और TMC के राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने बजट सत्र के दौरान खुद के इस्तीफे का ऐलान कर दिया। वह पिछले 2 महीने से पार्टी से दूरी बनाकर चल रहे थे। TMC ने त्रिवेदी के फैसले को पार्टी और जनता के साथ विश्वासघात बताया है, वहीं भाजपा ने उन्हें पार्टी जॉइन करने का न्योता दिया है।
UPA की सरकार में रेल मंत्री रहे त्रिवेदी ने सदन की कार्यवाही के दौरान कहा, ‘मेरे बंगाल में अत्याचार बढ़ता जा रहा है और मैं कुछ नहीं कर पा रहा। मुझे यहां बैठे-बैठे अजीब सा लग रहा है। मेरी अंतरात्मा मुझसे बोल रही है कि अगर मैं कुछ नहीं कर पा रहा हूं तो मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए।’
भाजपा का दामन थाम सकते हैं
दिनेश त्रिवेदी ने अभी सिर्फ राज्यसभा से अपनी सदस्यता छोड़ने का ऐलान किया है। पार्टी छोड़ने पर उनकी तरफ से कोई बयान नहीं आया है। भाजपा ने उनके इस कदम का स्वागत किया है। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। संसद में उन्होंने 2 बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र किया।
उन्होंने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, ‘ये मेरी अंतरात्मा की आवाज थी। खासतौर पर बंगाल में जो हो रहा है उसे देखकर मैं चुपचाप पार्लियामेंट में नहीं बैठ सकता था। मेरे पास कोई ऐसा मंच नहीं था, जहां मैं अपनी आवाज उठा सकूं। मैं बंगाल के साथ अन्याय नहीं कर सकता।’
आगे उन्होंने कहा, ‘मैं अकेला नहीं हूं जो यह महसूस कर रहा हूं। पार्टी में और भी लोग हैं जो मेरी तरह की घुटन में हैं। हम लोगों ने ममता बनर्जी को देखकर पार्टी जॉइन की थी, लेकिन अब वो उनकी पार्टी नहीं रह गई है।’

त्रिवेदी ने राज्यसभा में कहा…
1. सबसे सर्वोप‍रि देश होता है
त्रिवेदी ने शुरुआत में कहा, ‘हर मनुष्य के जीवन में एक घड़ी आती है, जब उसे अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनाई देती है। मेरे जीवन में भी ऐसी ही घड़ी आई है। मैं यहां बैठकर सोच रहा था कि हम राजनीति में क्यों आते हैं? देश के लिए आते हैं। सबसे सर्वोपरि होता है देश। 2 दिन पहले प्रधानमंत्री और गुलाम नबी आजाद भी देश के लिए अपनी भावना व्यक्त कर रहे थे। एक सत्ता पक्ष और एक विपक्ष के थे। जब रेल मंत्री था, उस दिन भी मेरे जीवन में ऐसी ही घड़ी आई थी। जब निर्णय करना पड़ा था कि देश बड़ा है, पक्ष बड़ा है कि खुद अपने आप बड़े हो।’
2. प्रधानमंत्री की अगुवाई में देश ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी
दिनेश त्रिवेदी बोले, ‘आज भी जब देखते हैं कि देश की क्या परिस्थिति है। पूरी दुनिया हिंदुस्तान की तरफ देखती है। कोविड-19 के दौरान भी दुनिया देख रही थी कि किस तरह से हिंदुस्तान आगे बढ़ता है। बहुत अच्छी तरह हम सब ने मिलकर इससे लड़ाई लड़ी। 130 करोड़ लोगों ने मिलकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ी, लेकिन नेतृत्व प्रधानमंत्री का था।’

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