चांडिल : नीमडीह प्रखंड मुख्यालय रघुनाथपुर स्थित प्रखंड कार्यालय परिसर फुटबाल मैदान में बुधवार को संयुक्त आदिवासी सामाजिक संगठन की बैनर तले विश्व आदिवासी दिवस पर एक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया। इससे पहले आदिवासी समाज के लोगों ने वीर शहीद स्वतंत्रता सेनानी सिद्धधू, कान्हू, चांद, भैरव, बाबा तिलका मांझी, शहीद गंगा नारायण सिंह, रघुनाथ सिंह, तेलगां खड़िया, फूलो , झानो आदि के तस्वीर पर श्रद्धांजलि देकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। संथाल, मुंडा, उरांव, हो, बिरहोर, खड़िया, लोहरा, माहली आदि विभिन्न आदिवासी समुदाय के लोग अपने अपने पारंपरिक परिधान पहनकर रघुनाथपुर में आयोजित विचारगोष्ठी में पहुंचा। वहीं गोरडीह पंचायत से पारंपरिक ग्राम सभा के आदिवासी मुंडा समुदाय के लोगों ने पारंपरिक परिधान पहनाकर बाइक रैली के शक्ल में रघुनाथपुर फुटबाल मैदान में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस पर पहुंचे। जिसमें आदिवासी समाज की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, पांचवी अनुसूची, विभिन्न आदिवासी समुदाय के आदिवासी संगठन व लोगों के सामाजिक उत्थान पर अपने अपने विचार व्यक्त किया गया। विचारगोष्ठी में यूसीसी कानून, मणिपुर की घटना, व वनाधिकार कानून का पुरजोर विरोध किया गया। विनाशकारी संशोधन अधिनियम पर वक्ताओं ने विचार रखा। आदिवासी समुदाय के लोगों ने मणिपुर की घटना व मध्य प्रदेश की घटना को लेकर कड़ी निंदा की। वक्ताओं ने कहा कि देश में आदिवासियों के लिए संविधान में कई अधिकार व कानून बनाया गया है। देश में समान नागरिकता संहिता कानून लागू होने से आदिवासियों की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, सीएनटी ऐक्ट, एस पी टी ऐक्ट, भाषा, संस्कृति, रिती रिवाज, खत्म हो जाएगी। वक्ताओ ने कहा देश भर के आदिवासी समुदाय आज भी पिछड़ा है। विश्व के आदिवासी एक है। आदिवासी समाज से अशिक्षा, कुरिति, अंधविश्वास को हटाना होगा। तभी आदिवासी समाज आगे बड़ पाएगा।आदिवासी को अपने रिवाज, परंपरा, संस्कृति, भाषा को संरक्षण करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर संयुक्त आदिवासी सामाजिक संगठन के प्रवक्ता मानिक सिंह सरदार, सुधीर किस्कू, कपूर बागी, माझी बाबा ज्योतिलाल माझी, हरेकृष्ण सिंह सरदार, चारु चांद किस्कू, गुरुचरण किस्कू, सुखराम हेंब्रम, बुद्धेश्वर मार्डी, जयराम सिंह सरदार, अमर उरांव, डोमन बास्के, हाड़ीराम सोरेन, कुसुम कमल सिंह, अरुण सिंह सरदार आदि ने विचार गोष्ठी को संबोधित किया