नई दिल्ली, पिछले कुछ वर्षों में भारतीय क्रिकेट टीम ने यो-यो टेस्ट पास करने को चयन का मानदंड माना है। कई बड़े नाम अतीत में इस टेस्ट में विफल रहे हैं और भारतीय टीम में एक जगह बनाने से चूक गए। इस सूची में नवीनतम नाम वरुण चक्रवर्ती और राहुल तेवतिया का है, जिन्होंने हाल ही में संपन्न भारत बनाम इंग्लैंड T20 सीरीज से पहले टेस्ट को पास नहीं किया था। तेवतिया दूसरे प्रयास में इस टेस्ट को पास करने में कामयाब रहे और दस्ते में शामिल हो गए, लेकिन चक्रवर्ती अभी भी इसे पास नहीं कर पाए हैं।
इसी चयन प्रक्रिया पर वीरेंद्र सहवाग ने कहा है कि चयन के लिए यो-यो टेस्ट से ज्यादा स्किल को आगे रखना चाहिए। सहवाग ने ये बयान क्रिकबज पर पूछे गए फैन के एक सवाल के बाद आया है, जिसमें उनसे पूछा गया था कि जब हार्दिक पांड्या गेंदबाजी के लिए फिट नहीं हैं तो फिर वरुण चक्रवर्ती को क्यों नहीं मौका मिला। इस पर सहवाग ने कहा कि अगर हमारे खेलने के दौरान यो-यो टेस्ट होता तो सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे महान खिलाड़ी इस टेस्ट को पास नहीं कर पाते।
सहवाग ने कहा, “मैं आपको एक बात बताना चाहता हूं, यहां हम यो-यो टेस्ट के बारे में बात कर रहे हैं, हार्दिक पांड्या को दौड़ने में कोई समस्या नहीं है। उनकी गेंदबाजी के कारण उनके पास काम का बोझ है। हालांकि, दूसरी ओर अश्विन और (वरुण) चक्रवर्ती ने यो-यो टेस्ट को पास नहीं किया, लेकिन मैं इस सब से सहमत नहीं था, अगर ये मानदंड पहले से मौजूद होते तो सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली इसे पास नहीं कर पाते। मैंने बीप टेस्ट भी उनको क्लियर करते नहीं देखा। वे हमेशा 12.5 अंक पीछे रहते थे।”