बुधवार की रात 12 बजे हाइवा संचालकों का ग्रामीणों के साथ झड़प
नीमडीह : बुधवार की रात लगभग 12 बजे तिरुलडीह थाना क्षेत्र के बड़ा लापांग गांव के पास ग्रामीणों ने बालू लोड करीब 50 हाइवा रोक दिया.। सरकार और पुलिस-प्रशासन से बार-बार आग्रह करने के बाद भी बालू का काला कारोबार नहीं थमने के कारण बुधवार की रात ग्रामीणों का गुस्सा फुट पड़ा और इसके विरूद्ध ग्रामीण एकजुट होकर सड़क पर उतरे। इस दौरान बुधवार की मध्यरात्रि लगभग 12 बजे बालू लदे हाइवा संचालकों और ग्रामीणों के बीच हल्की झड़प भी हुई। मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की रात कुकडू प्रखंड क्षेत्र को पश्चिम बंगाल से जोड़ने वाली सड़क पर स्थित बड़ा लपांग मोड़ के पास बड़ी संख्या में ग्रामीण एकजुट होकर अवैध बालू परिचालन के विरुद्ध सडक पर उतरे। इस दौरान बालू लदा करीब 50 हाइवा को ग्रामीणों ने रोककर कतार में लगवा दिया। जिसके कारण हाइवा संचालक व ग्रामीणों के बीच झड़प हुई।
ग्रामीणों के द्वारा सड़क अवरूद्ध कर बालू लदे हाइवा को रोकने की सूचना पाकर तिरुलडीह थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और बीच-बचाव करने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण अवैध बालू परिचालन के विरुद्ध डटे रहे। ग्रामीणों का कहना है कि तिरुलडीह की ओर से इस रूट पर एक साथ करीब 50 हाइवा बालू ले जा रहा है, इन्हें कहां से चालान निर्गत किया गया है। आखिर दिन के बजाय रात में ही बालू लदे हाइवा क्यों चलाए जा रहे हैं। विदित हो कि तिरुलडीह में एक भी सरकारी बालू घाट नहीं है। लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन व खनन विभाग का अवैध बालू खनन, भंडारन व परिचालन के विरुद्ध सख्ती के बाद भी तिरुलडीह व ईचागढ़ थाना क्षेत्र के बालू का काला कारोबार थम नहीं रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि स्वर्णरेखा नदी में अवैध रूप से बालू का खनन कर इसका अवैध परिचालन अबाध रूप से किया जा रहा है।
तिरुलडीह थाना क्षेत्र के बड़ा लापांग मोड़ के पास बालू लदा करीब 50 हाइवा को रोके जाने के मामले में तिरुलडीह थाना के प्रभारी थानेदार सब इंस्पेक्टर कार्तिकेय सिंह ने बताया कि बड़ा लापांग मोड़ के पास सड़क पर आवागम की समस्या होने की सूचना पाकर पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी। मौके पर पहुंचने पर पता चला कि बड़ा लापांग गांव में धार्मिक अनुष्ठान चल रहा है। ग्रामीण वाहनों से चंदा लेने के लिए जुटे थे। बालू लदे हाइवा रोके जाने पर उन्होंने कहा कि सभी हाइवा पर बालू का चालान था। सड़क पर आवागमन सुचारू कराने के बाद पुलिस मौके से लौट गई। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि 50 से अधिक हाइवा का चालान पुलिस कब और कैसे जांच किया। इसकी सूचना संबंधित विभाग और वरीय पदाधिकारियों को क्यों नहीं दी गई। मध्याात्रि को तिरुलडीह की ओर से बालू का चालान कहां निर्गत किया जाता है।