रांची,
झारखंडी सूचना अधिकार मंच ने आज कहा है कि विकास योजनाओं की राशि को सिविल डिपॉजिट में रखने की भाजपा की पुरानी परंपरा को अब बंद करें हेमंत सरकार और शत-प्रतिशत विकास की योजनाओं की राशि को खर्च करने में सरकार अपना फोकस करें।
उपरोक्त बातें आज झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष विजय शंकर नायक ने कही।उन्होंने यह भी कहा है कि आज रात गठन के बाद से ही विकास योजनाओं की राशि खर्च ना कर सिर्फ पैसा लेफ्ट ना हो सिविल डिपॉजिट में भाजपा की सरकार ने राशि रखने की परंपरा की शुरुआत की जिसका परिणाम यह है कि आज सिविल डिपॉजिट में पड़ी राशि लगातार बढ़ती जा रही है जिसका परिणाम यह है कि आज विकास मद की राशि
7339 करोड रुपया पड़ा है सिविल डिपॉजिट में और इस राशि को खर्च नहीं कर पा रही है सरकार जो झारखंड की गरीब जनता के साथ भद्दा मजाक है।
श्री नायक ने आगे कहा कि राज्य गठन के पहले वर्ष बाबूलाल मरांडी के समय से ही राज्य की सरकार ने वित्तीय वर्ष में खर्च नहीं हो पाने वाली राशि का एक हिस्सा निकालकर सिविल डिपॉजिट में रखने की परंपरा की शुरुआत की जो आज तक चालू है। वित्तीय वर्ष 2001-02 में सरकार ने 130.14 करोड रुपए ट्रेजरी से निकालकर सिविल डिपॉजिट में रखे गए वित्तीय वर्ष 2002-03 में 178.14 करोड़ दो2003-04 में 173.38 करोड़ रुपया 2004-05 में 252.36 करोड़ रूपया 2005-06 में 496.56 करोड़ रुपया 2006-07 में 585.60 करोड़ रूपया
2007-08 में 858.20 करोड़ रुपया 2008-09 में 1433.80 करोड़ रूपया 2009-10 में 1425. 41 करोड रुपए 2010-11 में 1610. 46 करोड रुपए 2011-12 में 2172. 93 करोड़ रुपया 2012-13 में
2705.4 9 करोड़ रूपया
2013- 14 में 2795. 61 करो रुपया 2014-15 में 3159.12 करोड रुपए 2015-16 में 3383.70 करोड़ रुपया
2016-17 में 4149.39 करोड़ रूपया 2017-18 में 5153.68 करोड़ रुपया 2018-19 में 5420.28 करोड रुपया 2019- 20 में 7339.16 करोड रुपया आज सिविल डिपॉजिट में पड़ी हुई है जो राज्य के गरीब गुरबा जनता के साथ धोखा है ।
श्री नायक में यह भी है मंदसौर सरकार से अनुरोध किया है कि वह विकास की राशि शत प्रतिशत कैसे खर्च हो इसकी एक काल बस योजना के साथ-साथ एक रोडमैप बनाए और राज्य सरकार कैसे राज्य के विकास की राशि शत प्रतिशत खर्च हो उसके लिए विशेष फोकस करें ताकि राज्य के विकास में सभी पैसों को योजनाबद्ध तरीके से खर्चा किया जा सके और इसका लाभ झारखंड की गरीब गुरबा जनता को मिल सके और यह जो भाजपा सरकार के समय से चल रही है विकास की राशि खर्च नहीं कर सिर्फ सिविल डिपॉजिट में रखने की परंपरा को बंद किया जाना चाहिए जो राज हित में या कार्य होगा।