न्यूयॉर्क में वंदे मातरम-भारत माता की जय की गूंज : PM मोदी का जोरदार स्वागत

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न्यूयॉर्क

PM MODI अमेरिका की यात्रा के दौरान शनिवार को न्यूयॉर्क पहुंचे। यहां वह संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 76वें अधिवेशन को संबोधित करेंगे। शुक्रवार रात को न्यूयॉर्क के होटल के बाहर PM मोदी ने भारतीय-अमेरिकियों से मुलाकात की। यहां लोगों ने वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाए। इसका वीडियो भी सामने आया है।

PM मोदी से मिलकर उत्साहित भारतीय-अमेरिकी
वीडियो में देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी होटल के बाहर इकट्ठा हैं। PM मोदी से मिलकर ये लोग बहुत उत्साहित हैं। इन्हें मोदी-मोदी के नारे लगाते भी देखा जा सकता है। मोदी हाथ हिलाकर सबका अभिवादन स्वीकार करते हैं। उनके साथ सुरक्षाकर्मी भी मौजूद हैं।

कुछ लोग बिना मास्क के नजर आए
PM मोदी से इस मुलाकात का कुछ लोग मोबाइल से वीडियो बना रहे हैं। तस्वीरें भी खींची जा रही हैं। कोरोना को देखते हुए कई लोगों ने मास्क लगाया है, लेकिन कुछ बिना मास्क के ही यहां आए हैं। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होते भी नहीं दिख रहा। कुछ ही समय में मोदी सुरक्षाकर्मियों के साथ होटल के अंदर चले जाते हैं।

UN में भारत आतंकवाद समेत ये मुद्दे उठाएगा!
UN में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, वैक्सीन के लिए न्यायसंगत और सस्ती पहुंच, इंडो-पैसिफिक और संयुक्त राष्ट्र में सुधार जैसे वैश्विक मुद्दों पर जनरल असेंबली में आवाज उठा सकता है। भारत के एजेंडे में वैक्सीन के लिए सस्ती और न्यायसंगत पहुंच का मुद्दा भी है।

प्रधानमंत्री का संबोधन कितनी देर का होगा?
UNGA में संबोधन के लिए हर नेता को 15 मिनट अलॉट होते हैं। सभी देशों के प्रतिनिधि को समय सीमा का खास ध्‍यान रखना होता है, लेकिन कई नेता इस पर ध्‍यान नहीं देते हैं। जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को 30 मिनट का भाषण दिया। पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने साल 2016 में 47 मिनट, 2015 में 43 मिनट और 2014 में 39 मिनट की स्पीच दी थी।

PM मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने 1 घंटे बातचीत की
PM मोदी ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की। करीब एक घंटे चली इस मुलाकात का भारतीय-अमेरिकियों को बेसब्री से इंतजार था। कोविड के चलते इस बार प्रधानमंत्री का कोई सार्वजनिक कार्यक्रम या पब्लिक गैदरिंग नहीं थी। इसके बावजूद भारतीय मूल के सैकड़ों लोग व्हाइट हाउस के बाहर जुटे। इन लोगों में दुनिया के दो महान लोकतांत्रिक देशों के नेताओं की मुलाकात को लेकर खासा उत्साह देखा गया।

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