जैंतगढ़ के पवित्र वैतरणी तट पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

पुरी मंदिर स्वरूप थर्माकोल से बनी नाव को वैतरनी नदी में किया प्रवाहित

जैंतगढ़ :- पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत रामतिर्थ के वैतरणी नदी तट पर कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर जगन्नाथपुर, जैंतगढ़ तथा ओडिशा क्षेत्र चंपुआ आसपास के हजारों श्रद्धलुओं ने तड़के 4बजे पहुंचकर डुबकी लगाई । वैतरणी नदी तट पर लोगों ने स्नान किया उड़िया समाज के लोग वैतरणी तट पर जुटे । समाज के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया । पश्चिम बंगाल से बहरागोड़ा से 2बसों में आये स्रधालुओं ने लोग तड़के 4 बजे पहुंचकर भजन कीर्तन किया मंदिर के चारों ओर हरे राम हरे कृष्ण का भजन गान किया। रामतीर्थ वैतरणी नदी घाट पर सैंकड़ों श्रद्धालु स्नान कर दीप दान सूर्य को अर्घ्य दिए। आपको बताते चलें कि कार्तिक पूर्णिमा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है. यह दिन बहुत विशेष माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव जी ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का संहार किया था. यही कारण है कि इस दिन को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के मत्स्यावतार का जन्म हुआ था. इस दिन नदियों में पूर्णिमा स्नान करना चाहिए. पूरे वर्ष गंगा स्नान का फल प्राप्त होता है. आमतौर पर इस दिन गंगा स्नान के बाद दीप-दान किया जाना चाहिए. इस दीप-दान को दस यज्ञों के समान माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देवगांव गांव के संजीव कैवर्त के द्वारा बनाया गया जगन्नाथ पुरी मंदिर स्वरूप थर्माकोल से बनी 12 फीट का नाव को नदी में प्रवाहित किया गया। उड़िया क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है इसे बोइन्तो बंदना के रूप में भी कहते हैं। यहां हर साल कार्तिक पूर्णिमा का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। अंतिम दिन में घरों में मछली और चावल पीटा व खीर बनाते हैं।

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