केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट करते हुए कहा है कि कोरोना का टीका लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है.
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में इन दिनों कोविड-19 टीकाकरण अभियान जोर-शोर से चल रहा है. टीकाकरण के रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड की जरुरत पड़ती है. हालांकि, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट करते हुए कहा है कि कोरोना का टीका लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है.
टीका लगवाने के लिए दिखाना होगा कोई दूसरा पहचान पत्र
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि कोविड-19 टीका लगवाने के लिए व्यक्ति को कोई दूसरा पहचान पत्र दिखाना होगा. जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सूर्यकांत की बेंच ने कहा कि वे आधार कार्ड के उत्पादन पर जोर न दें.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में दावा
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट दायर किए गए एक जनहित याचिका में यह दावा किया गया है कि कुछ केंद्र टीकाकरण के लिए आधार कार्ड पर जोर देते हैं. इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सूर्यकांत की बेंच ने अधिकारियों से कहा कि वे आधार कार्ड के उत्पादन पर जोर न दें, क्योंकि यह पहचान के एकमात्र प्रमाण के रूप में कोविड-19 टीकाकरण के उद्देश्य से है.
वहीं, याचिका के जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक हलफनामा दायर किया. जानकारी देते हुए बताया गया कि COWIN पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है और अन्य दस्तावेजों में से किसी एक का दिखाया जा सकता है. वैक्सीनेशन के लिए आधार कार्ड की जरुरत नहीं है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से पेश अधिवक्ता ने पीठ को बताया कि आधार ही एकमात्र शर्त नहीं है और बिना किसी पहचान पत्र के 87 लाख लोगों को टीका लगाया गया है.