उत्तराखंड में पिछले 3 दिन से जारी सियासी उठापटक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंपा। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को अगला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। उन्हें सरकारी हेलीकॉप्टर से देहरादून बुलाया गया है। इस्तीफे के बाद रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कल (बुधवार) सुबह 10 बजे पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में रावत ने कहा, ‘मैं लंबे समय से राजनीति में काम कर रहा हूं। भाजपा ने जीवन का यह स्वर्णिम अवसर मुझे दिया था। मैंने छोटे से गांव में जन्म लिया, पिताजी पूर्व सैनिक थे। कभी कल्पना भी नहीं की थी कि पार्टी मुझे इतना बड़ा सम्मान देगी। भाजपा में ही यह संभव था।’ हालांकि CM पद से हटाए जाने पर त्रिवेंद्र का दर्द भी सामने आया। जब उनसे अचानक इस्तीफे की वजह पूछी गई, तो उन्होंने कहा, ‘इसका कारण जानने आपको दिल्ली जाना होगा।’
मैं 4 चार CM रहा, अब किसी और को मौका मिले
रावत ने कहा कि भाजपा ने छोटे से गांव के कार्यकर्ता को इतना बड़ा सम्मान दिया। 4 साल मुझे सेवा करने का मौका दिया। पार्टी ने सामूहिक रूप से फैसला लिया है कि मुझे अब किसी और को यह मौका देना चाहिए। 9 दिन बाकी हैं चार साल पूरे होने में। मैं प्रदेशवासियों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। 4 साल का मौका पार्टी नहीं देती, तो महिलाओं और युवाओं के लिए योजनाएं मैं नहीं ला सकता था। जो भी जिम्मेदारी लेगा, उन्हें मेरी बहुत शुभकामनाएं हैं।
कांग्रेस ने कहा- इस्तीफे से साबित हुआ कि सरकार काम नहीं कर रही थी
त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भी मान लिया है कि मौजूदा सरकार कुछ कर नहीं सकी है।अब मैं राज्य की सत्ता में बदलाव देख रहा हूं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे अब किसे लाएंगे, लेकिन 2022 में सत्ता में नहीं लौटेंगे।
विधायक दल की बैठक के लिए भाजपा ने ऑब्जर्वर नियुक्त किए
इधर, पार्टी आलाकमान ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह, महासचिव और राज्य के प्रभारी दुष्यंत गौतम को विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षक बनाया है। दोनों विधायक दल के नए नेता का चुनाव कराने के लिए आज शाम को ही देहरादून पहुंचेंगे। इसे पहले शनिवार को पार्टी ने इन्हीं दो नेताओं को ऑब्जर्वर बनाकर उत्तराखंड भेजा था। दोनों ने नाराज धड़े से बातचीत कर रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को दी थी। राज्य में मंत्रियों और विधायकों के एक धड़े ने केंद्रीय नेतृत्व से राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की मांग की थी।