, नई दिल्ली। विश्वविद्यालयों और कालेजों में नए शैक्षणिक सत्र को लेकर फिलहाल असमंजस खत्म हो गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शनिवार को इसको लेकर एक विस्तृत गाइड लाइन जारी कर दी है। इसके तहत एक अक्टूबर से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होगा।
यूजीसी ने जारी की गाइड लाइन, 30 सितंबर तक दाखिले की प्रक्रिया होगी पूरी
30 सितंबर तक विश्वविद्यालयों और कालेजों को अपनी दाखिले की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। यूजीसी ने गाइड लाइन में यह भी साफ किया है कि दाखिले की प्रक्रिया केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) सहित सभी बोर्डो का 12वीं का रिजल्ट आने के बाद ही शुरू होगी।
31 अगस्त तक अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को कराने के लिए यूजीसी ने दिए निर्देश
यूजीसी ने इसके साथ ही अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर स्थिति स्पष्ट की है और इन्हें अनिवार्य बताया है। साथ ही विश्वविद्यालयों और कालेजों से इन्हें आनलाइन या आफलाइन मोड में 31 अगस्त से पहले कराने को भी कहा है। यूजीसी ने इस दौरान सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से कोरोना का तय प्रोटोकाल कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने को भी कहा है।
विश्वविद्यालयों में नए सत्र को लेकर थी अनिश्चितता
खास बात यह है कि यूजीसी ने यह गाइड लाइन तब जारी की है, जब नए सत्र को लेकर विश्वविद्यालयों में काफी अनिश्चितता थी। इसके चलते वे नए सत्र की तैयारी भी नहीं कर पा रहे थे। कई विश्वविद्यालयों ने यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय से इस संबंध में मार्गदर्शन भी मांगा था।
बोर्ड के रिजल्ट में देरी पर 18 अक्टूबर तक शुरू कर सकते हैं सत्र
यूजीसी ने नई गाइड लाइन में कहा है कि वैसे तो सुप्रीम कोर्ट ने सभी शिक्षा बोर्ड से 31 जुलाई तक 12वीं का रिजल्ट घोषित करने को कहा है। ऐसे में इसके बाद दाखिले की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है, लेकिन यदि बोर्ड का रिजल्ट देरी से घोषित होता है, तो नया शैक्षणिक सत्र 18 अक्टूबर तक शुरू कर सकते हैं।
स्नातक और स्नातकोत्तर को ध्यान में रखकर तैयार किया कैलेंडर
खास बात यह है नया एकेडिमक कैलेंडर स्नातक और स्नातकोत्तर के पहले वर्ष को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यूजीसी ने इस बीच विश्वविद्यालयों और कालेजों से शैक्षणिक सत्र 2021-22 को 31 जुलाई, 2022 तक पूरा करने को कहा है, जिसमें परीक्षाएं भी करानी होंगी।
31 दिसंबर तक एडमिशन कैंसिल कराने पर लौटानी होगी पूरी फीस
-कोरोना संकटकाल में लोगों की वित्तीय दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए यूजीसी ने जरूरी निर्देश दिए हैं।
-यदि कोई छात्र दाखिला लेने के बाद 31 अक्टूबर तक प्रवेश निरस्त कराता है, तो संस्थान को पूरी फीस वापस करनी होगी।
-यूजीसी ने शिक्षण संस्थानों से इसे स्पेशल केस के रूप में देखने को कहा है।
-यदि कोई छात्र 31 दिसंबर, 2021 तक एडमिशन कैंसिल कराता है, तो भी प्रोसेसिंग फीस काटकर पूरी फीस लौटाने को कहा गया है।