जमशेदपुर, 6 जनवरी (रिपोर्टर): टाटा वर्कर्स यूनियन का जल्द चुनाव कराने को लेकर कमेटी सदस्यों ने मीटिंग में सहमति दे दी है. अभी चुनाव होने में 15 से 20 दिन लग सकते हैं लेकिन अभी से ही चर्चाओं का माहौल गरम है कि सत्ता पक्ष में बड़े पद की चाहत रखने वाले ‘पलटूराम बाबा’ का क्या होगा. कहीं ‘पलटूराम बाबा’ की बाजी पलट न जाए. कहीं उनके अपने ही उन्हें उनके बदलते रंग को सबक न सिखा दें.
वैसे अनुमान किया जा रहा है कि टाटा वर्कर्स यूनियन का चुनाव रोमांचक होगा क्योंकि पहले से ही इसमें रंग बदलने वाले रोमांच को पिरो रहे हैं. ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि जब चुनाव में 214 कमेटी सदस्य नवनिर्वाचित होकर आएंगे तो वह अपना पक्ष नहीं बदलें. उन्हें हाउस में ही अपना पक्ष बदलने की खुली छूट होगी. तरह-तरह के लोकलुभावन बातें सुनने को मिलेंगी. चुनाव के दिन जब 214 कमेटी सदस्य नवनिर्वाचित हो जाएंगे तो सबकी नजर यूनियन के 11 पदों में से अध्यक्ष, डिप्टी प्रेसीडेंट व महामंत्री पदों पर होंगी. खास कर इन तीन पदों के लिए सत्ता पक्ष व विपक्ष की नजर होगी. सत्ता पक्ष में बड़े पद को पाने के लिए आठ पदाधिकारियों की एकजुटता में ही सेंध लगती दिख रही है. यूनियन के एक बड़े पदाधिकारी पलटूराम तक बन चुके हैं. अब उन्हें यूनियन के कमेटी सदस्य पलटूराम के नाम से पुकारने लगे हैं. जब अपने पद को खतरा देखा तो विपक्ष को कुछ घंटे के लिए गले लगा लिया लेकिन जब वहां पर दाल नहीं गलती दिखी तो अपने खेमे में लौट आए. अब इस पद का लालच रखने वाले का चुनाव के बाद क्या गुल खिलाएंगे, यह तो आने वाला समय ही बनायेगा.
पलटू राम अपने लोगों को तो मनाते रहते ही हैं, औढऱदानी का आशीर्वाद लेने देवघर भी पहुंच गए. विपक्षी खेमा से मिलकर भाग्य को आजमाने लगे. विपक्ष से हाथ मिलाए, बोले-कर दो नैया पार. सबका साथ निभाने की कसमें खायीं, फोटो खिंचाई, मीडिया मेंं सुर्खियों मेंं आए. मन ही मन सोचा बन गई बात. जब शहर पहुंचे तो अगले दिन ही किस्मत चमक गई. श्रेष्ठ उम्मीदवार बन गए, लेकिन असली बाबागिरी तो चुनाव मैदान में दिखेगी जब ऊंट आखिरकार अपनी करवट बैठेगा. मंजिल मिली तो ठीक, नहीं तो सारे छल कपट ही हो जाएंगे बेकार.