टीडब्ल्यूयू भगदड़: अरविन्द व नितेश राज को छोड़, सभी की अलग-अलग राह

छ: पदाधिकारियों की सतीश टीम में डेरा डालने की तैयारी
जमशेदपुर, 19 जनवरी (रिपोर्टर): टाटा वर्कर्स यूनियन चुनाव की प्रक्रिया की अभी घोषणा भी नहीं हुई है कि अरविन्द टीम में भगदड़ मच गया है. सत्ता पक्ष से चुनाव पदाधिकारी पद के उम्मीदवार की हार होते ही अरविन्द टीम में फूट पडऩी शुरू हो गई है. चर्चा है कि यूनियन डिप्टी प्रेसीडेंट अरविन्द पांडेय व असिस्टेंट सेके्रट्री नितेश राज को छोड़ कर अन्य छ: पदाधिकारियों ने अलग राह अपना लिया है.
टाटा वर्कर्स यूनियन के चुनाव को लेकर आचार संहिता लग गई है. एक-दो दिन में चुनाव पदाधिकारी चुनावी प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा कर देंगे. फरवरी के पहले सप्ताह में चुनाव कराने की घोषणा कर देंगे, लेकिन चुनाव शुरू होने से पहले ही यूनियन पदाधिकारियों के बीच समीकरण बनने बिगडऩे लगा है. चर्चा है कि यूनियन के डिप्टी प्रेसीडेंट अरविन्द पांडेय व असिस्टेंट सेक्रेट्री नितेश राज को छोड़ कर छ: अन्य पदाधिकारी अलग रास्ते पर चल पड़े हैं. अरविन्द पांडेय टीम में वाइस प्रेसीडेंट एस आलम, भगवान सिंह, शत्रुघ्र राय, असिस्टेंट सेक्रेट्री धर्मेन्द्र उपाध्याय, के के सिंह, नितेश राज व ट्रेजर प्रभात लाल शामिल थे. 13 जनवरी को जब चुनाव पदाधिकारी व छ: कमेटी सदस्यों में सतीश टीम से चुनाव पदाधिकारी संतोष सिंह समेत तीन कमेटी सदस्य निर्विरोध हुए तो सत्ता पक्ष की जमीन खिसकनी शुरू हो गई थी. वहीं जब चुनाव पदाधिकारी के सीट निर्धारण को लेकर बातें सामने आयी तो अरविन्द टीम में भगदड़ मच गया. सभी पदाधिकारियों के साथ पूर्व कमेटी सदस्य शैलेश सिंह को कमेटी सदस्य के सीट भी असुरक्षित दिखने लगी. मंगलवार की देर शाम तक नतीजा सामने आने लगा कि एक के एक छ: पदाधिकारियों का अरविन्द के खिलाफ आवाज तेज होने लगी. देर शाम तक यह बात सामने आ गई है कि अरविन्द व नितेश राज को छोड़ कर एस आलम, भगवान सिंह, शत्रुघ्र राय, धर्मेन्द्र उपाध्याय, के के सिंह, प्रभात लाल ने सतीश टीम में डेरा डालने की तैयारी शुरू कर दी है. यूनियन के महामंत्री सतीश सिंह व वाइस प्रेसीडेंट हरिशंकर के नेतृत्व में तैयार टीम जहां विपक्ष की भूमिका निभा रहा था वहीं अब अधिक पदाधिकारी होने के कारण एक-दो दिनों में सत्ता पक्ष की भूमिका निभाने के लिए तैयार हो जाएग. मंगलवार की दोपहर में सभी पदाधिकारियों ने बिष्टुपुर स्थित एक होटल में शैलेश सिंह के साथ भोजन की उसके बाद अरविन्द पांडेय व नितेश राज को झटका देने की तैयारी कर ली है.
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शैलेश को चारा नहीं, सतीश टीम में डेरा डाला
टाटा स्टील के एलडी 2 के पूर्व कमेटी सदस्य शैलेश सिंह अरविन्द पांडेय टीम में शामिल थे. उनकी टीम थ्री में चुनाव लडऩे की भी घोषणा कर दी गई थी. उन्होंने अपनी जिद पर अरविन्द पांडेय टीम से अपने चहेते सीआरएम के पूर्व कमेटी सदस्य प्रवीण कुमार को चुनाव पदाधिकारी पद का उम्मीदवार बनाया था लेकिन आरओ चुनाव में अरविन्द टीम के आरओ समेत तीन कमेटी सदस्य हार गए. उनकी टीम से ए के सिंह मुखिया, पी के सिंह व नेह महतो कमेटी सदस्य पद से जीते थे. आरओ पद के उम्मीदवार प्रवीण कुमार को मात्र 84 मत आया था जबकि पी के सिंह को सबसे अधिक 101 वोट आया था. जिसके बाद से ही शैलेश सिंह में नाराजगी बढ़ गई थी. यूनियन की राजनीति करने वाले कुछ लोग उनका माइंड वॉश कर रहे थे कि उनके साथ कहीं न कहीं भितरघात हुआ. इसके बाद से ही उन्होंने अरविन्द टीम से अपने को सबसे पहले किनारा कर लिया. वहीं अब उन्हें लग रहा है कि कमेटी सदस्य की सीट पर भी उन्हें जीतना मुश्किल हो जाएगा इसलिए उन्होंने सतीश टीम में अपना डेरा डाल लिया है. अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई. उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष में उनकी टीम असहज महसूस कर रही है. उनकी टीम चुनाव किस टीम से लड़ेगी इस पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं. उनके साथ यूनियन के कई पदाधिकारी भी हैं. उन्होंने कहा कि बुधवार को इस पर आधिकारिक घोषणा करेंगे.
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सतीश टीम को आलम, भगवान सिंह, कमलेश, धर्मेन्द्र नापसंद
टाटा वर्कर्स यूनियन के महामंत्री सतीश सिंह व वाइस पे्रसीडेंट हरिशंकर सिंह ने अपने बलबूते विपक्ष की भूमिका निभाते हुए अपनी टीम खड़ी कर दी. साथ ही चुनाव पदाधिकारी व छ: कमेटी सदस्यों की सीट पर आरओ समेत तीन कमेटी सदस्यों को जिताने में कामयाब रहे. वहीं अब विपक्ष की भूमिका निभाने के बदले सत्ता पक्ष की भूमिका निभाने के लिए तैयार हो गई है. सतीश टीम में शामिल होने के लिए यूनियन के वाइस प्रेसीडेंट एस आलम, भगवान सिंह, शत्रुघ्न राय, असिस्टेंट सेक्रेट्री धर्मेन्द्र उपाध्याय, के के सिंह, प्रभात लाल तैयार हैं. लेकिन सतीश टीम को आलम, भगवान सिंह, कमलेश सिंह व धर्मेन्द्र उपाध्याय सबसे अधिक नापसंद है. इसलिए वे लोग उन्हें शामिल करने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं. सतीश टीम ने आलम की चाणक्य नीति को खत्म करने का वादा करते हुए आरओ चुनाव में कमेटी सदस्यों का 203 मतों में 117 वोट बटोर लिया. अब आलम को किस तरह गले लगायेंगे यह समय बतायेगा. कहा जाता है कि सतीश टीम में इन पदाधिकारियों को शामिल किया गया तो टीम में फूट पडऩी तय है. माना जाता है राजनीति में कुछ भी जायज है इसलिए आने वाले में क्या होगा इस पर कुछ कहना संभव नहीं है.

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