साहित्य समिति, तुलसी भवन द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में मासिक ‘कथा मंजरी’ सह साहित्यकार अध्यापक पूर्ण सिंह की जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसकी अध्यक्षता संस्थान के न्यासी अरुण कुमार तिवारी तथा संचालन साहित्य समिति के उपाध्यक्ष सुरेश चन्द्र झा ने किया । इस अवसर पर स्वागत वक्तव्य संस्थान के मानद महासचिव प्रसेनजित तिवारी एवं धन्यवाद ज्ञापन समिति की कार्यकारी अध्यक्ष यमुना तिवारी ‘व्यथित’ द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम का आरंभ श्रीमती नीता सागर चौधरी के सरस्वती वंदना के बाद अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन तथा साहित्यकार अध्यापक पू्र्ण सिंह के चित्र पर पुष्पार्पण किया गया । तत्पश्चात् इनका विस्तृत साहित्यिक परिचय डाॅ. संजय पाठक ‘सनेही’ ने प्रस्तुत किया । इसके बाद नगर के वरीय साहित्यकार कन्हैया सिंह ‘सदय’ रचित हिन्दी काव्य संग्रह ” नीलकंठ ” का लोकार्पण मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार – सम्पादक जय प्रकाश राय एवं मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया । मौके पर लोकार्पित पुस्तक पर विस्तृत पाठकीय प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दिव्येन्दु त्रिपाठी ने कहा कि ‘नीलकंठ’ प्रांजल भाषा में लिखित काव्यकृति है । इसमें बिम्बों , प्रतीकों का व्यापक प्रयोग हुआ है। मानवीय संवेदनाओं , प्रकृति तथा श्रृंगार को सारगर्भित तरीके से प्रस्तुत किया गया है । नए रचनाकार इस कृति से काफी कुछ सीख सकते हैं । इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री राय ने कवि को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नीलकंठ काफी प्रेरक रचना है जिससे काफी कुछ सीखा जा सकता है।
कथा मंजरी के इस मौके पर विभिन्न विषयों को स्पर्श करती हुई कुल ६ कहानियों का पाठ किया गया, जिसकी समीक्षात्मक टिप्पणी कथा पाठ के उपरान्त श्री अरुण कुमार तिवारी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य के दौरान की । जो इस प्रकार है —
क्रम कथाकार कहानी का शीर्षक
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१) शीतल प्रसाद दूबे घडियाल
२) श्रीमती नीता सागर चौधरी विश्वास
३) श्रीमती रीना गुप्ता पुरस्कार
४) भंजदेव देवेन्द्र कुमार व्यथित कशमकश ५) सुरेश चन्द्र झा वापसी ६) श्रीमती उमा पाण्डेय संस्कारी पुरुष
इस अवसर पर मुख्य रुप से तुलसी भवन साहित्य समिति के सचिव डाॅ. अजय कुमार ओझा, उपाध्यक्ष कैलाश नाथ शर्मा ‘गाजीपुरी’, जितेश कुमार तिवारी, सिद्धनाथ सिंह , हरिहर राय चौहान , नीलिमा पाण्डेय, उमा पाण्डेय , अजय प्रजापति एवं वसंत जमशेदपुरी उपस्थित थे ।
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