टुईलाडुंगरी गुरुद्वारा चुनाव को लेकर फिर खुलकर आमने-सामने हुए भोमा और पदरी, एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश, कई बार दोनों में हो चुकी है मारपीट

जमशेदपुर
श्री कलगीधर गुरुद्वारा टुईलाडुंगरी के चुनाव को लेकर पूर्व प्रधान जसवंत सिंह भोमा और जसबीर सिंह पदरी खुलकर आमने सामने हो गए हैं. इसका कारण देखा जा रहा है की इस चुनाव में पदरी की नहीं चल रही है, जबकि पूर्व के चुनाव में पदरी भोमा पर हावी थे. अब जब चुनावी प्रक्रिया चल रही है तो पदरी उनके भाई दलबीर सिंह का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है, ऐसे में पदरी को यह नगवार लग रहा है और उन्होंने भोमा को निशाने पर ले लिया है. दोनों एक दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. पूर्व में दोनों के बीच मारपीट घटना भी हो चुकी है. मामला कोर्ट में विचाराधीन है. इधर, दोनों की टीका टिप्पणी से फिर मारपीट होने की सम्भावना बढ़ गई है. चुनावी माहौल में दोनों ओर से जो आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं उसका सीधा नुकसान स्थानीय संगत को हो रहा है, जिसका नतीजा चुनाव में बाधा हो रही है.

भोमा का सामाजिक, धार्मिक बाईकाट हो: पदरी
बकौल पदरी जसवंत सिंह कुछ साल पहले से ही विवादों के घेरे में हैं. उन्हें नशे की लत के कारण लौहनगरी की धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाएं भलीभांति जानतीं है कि जसवंत सिंह किस प्रवृति के हैं. भोमा बिना कमीशन के कोई काम नहीं करते हैं. जब मास्टर सविन्दर सिंह की वोट में भोमा ने हेराफेरी की तब इन्हें संगत से चप्पल पड़ी थी. किसी से छुपा नहीं है. भोमा ने गुरूद्वारा में पद संभाले थे. उसने आते ही एसडीएम के द्वारा जो प्लाट गुरुद्वारा को मिला था, उस मकान को बेच दिया था. संगत से कुछ छुपा नहीं है. वह टुईलाडुंगरी गोलमुरी की संगत को गुमराह करते रहे हैं. वे पिछले चार – पाँच महीनों से गोलमुरी भाड़े घर में रहते हैं. उनके बेटो का नाम वोटर लिस्ट में ट्रस्टी रंजीत सिंह एवं दीदार सिंह की मिलीभगत से जोड़ा गया है. जसवंत सिंह चुनाव कमेटी में रह कर पहले भी मतदान गिनने के समय वोट हेराफेरी /मुँह में चबा जाते थे. दीदार सिंह अपने बेटे एवं भगने के पक्ष नया वोट बनवाया है. जब कि गुरूद्वारा संविधान के अनुसार हर व्यक्ति का साल में 8 महीने का मासिक चंदा होने पर ही वोट डालने का अधिकार है, परंतु चुनाव कमेटी चारों प्रत्याशियों से मिली हुई है, क्योंकि चुनाव चारों में से केवल एक ने ही लड़ना है. जो कि चुनाव चिन्ह लेने के बाद नाम वापस नहीं लिया जाता है. इसमें चुनाव कमेटी भी गलत कर रही है. केवल प्रत्याशी रणजीत सिंह फौजी को गलत वोटर लिस्ट में हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. ट्रस्टी रंजीत सिंह ने चुनाव कमेटी में प्रशासनिक एवं राजनीतिक लाभ लेने के लिए चुनाव कमेटी में जसवंत सिंह भोमा को रखा है. जबकि जसवंत सिंह भोमा पुर्व से ही बहुत सारे आरोपों के घेरे में फंसे हुए हैं. संगत उनके चरित्र को अच्छी तरह जानती है. अभी तक संगत के बीच कोई धार्मिक विश्वास /बैठक नहीं हुई है. रंजीत सिंह ने अपनी मर्जी से चुनाव कमेटी बनाई है. मौजूदा प्रधान दलबीर सिंह को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई थी. थाना प्रभारी को पता चला तो उन्होंने चुनाव कमेटी को गलत करने से रोका था. परंतु वहां सब कुछ मानने के बाद भी चुनाव कमेटी गलत करती है. तत्पश्चात इसकी जानकारी अनुमंडल पदाधिकारी जमशेदपुर एवं वरीय पुलिस अधीक्षक व उच्च प्रशासन पदाधिकारियों को दी गई है, ताकि वहां शांति का महौल बना रहे. क्योंकि वोटर लिस्ट में काफी फेरबदल करने के चलते संगत ने काफी रोष प्रकट किया है. चुनाव कमेटी ने अनुमंडल पदाधिकारी को गलत जानकारी दी है. वर्तमान में थाना प्रभारी को वोटर लिस्ट, चुनाव कमेटी की गलत नीतियों के बारे में कुछ छुपा नहीं है. जिला प्रशासन को अपने संज्ञान में लेना चाहिए, ताकि शांति पूर्वक चुनाव सम्पन्न हो सके.

पदरी ने 6 साल का हिसाब नहीं दिया, स्लेग गिरवा लाखों कमाए: भोमा
बकौल भोमा का आरोप है की जसबीर सिंह ने बहुत ही बचकाना और मूर्खतापूर्ण बयान दिया है, जबकि टॉइलाडुंगरी की सारी संगत और सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी यह जानती है कि जसवंत सिंह भोमा ने अपने प्रधानगी कार्यकाल का पूरा हिसाब देकर क्लीयरेंस का सर्टिफिकेट लिया हुआ है और जसबीर सिंह ने अपने प्रधानगी कार्यकाल 6 वर्षों का हिसाब नहीं दिया है, जिस कारण उसका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है और तो और श्री कलगीधर मिडल स्कूल टॉइलाडुंगरी में भारी स्लैग गिरवाकर 6 लाख रुपये का देनदार है, जिसके लिए दूसरे के नाम के दो चेक़ दिया है जिसके लिए इसको ट्रस्टी ने अपने वकील के द्वारा नोटिस दिया है और उसी स्कूल की जमीन स्पार्कलिंग जेम्स इंग्लिश स्कूल को 30साल के लिए लीज पर देकर अपना फायदा लिए हैं. जबकि स्कूल की जमीन और बिल्ड़िंग टाटा कंपनी से हमारे सिख समाज को एक रुपये सलाना लीज पर मिली है. भोमा ने टाटा कंपनी से अनुरोध किया है की इस पर उचित कार्रवाई करें. जहां तक नशे की लत की बात करते हैं वहीं ये उस जगह पर शराब की दुकान चलवाते हैं. जहाँ झारखंड अल्पसंख्यक सिख संघर्ष समिति का कार्यालय था और उसी की आड़ में सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण कर अतिक्रमण किए हैं. भोमा ने उपायुक्त से भी अनुरोध किया है की इस पर अविलम्ब कार्रवाई करने की कृपा करें. यह जमीन गोलमुरी गैरेज लाइन में है और उस प्लॉट के बारे में बताएं कि कौन सा और कहाँ एसडीएम ने अलॉट किया था. उन्होंने कहा की मैं तो पिछले दो साल से गोलमुरी में भाड़े पर रह रहा हूँ. अपने तो पिछले सालों से यहां नहीं रहता है और अभी भी शिव सिंह बगान एग्रिको में भाड़े पर रहता है. मेरे बेटों का नाम वोटर लिस्ट में किसी साजिश के तहत नहीं सविंधान के अनुसार जोड़ा गया है. मैं अभी जमशेदपुर से बाहर हूँ. वापस आने पर जसबीर सिंह पर मानहानि का मुकदमा कोर्ट में दर्ज करूँगा. आखरी बात क्यों भूल गए कि यही जसवंत सिंह भोमा जिसके 2014 में आरएस टावर में ट्रस्टी रणजीत सिंह के घर मेरे पैर पकड़ कर प्रधान बना था.

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