सांसद सेठ के प्रयास से आदिम जनजाति बस्ती में लगा ट्रांसफार्मर, नीमडीह प्रमुख ने फीता काटा

चांडिल । नीमडीह प्रखंड के चालियामा पंचायत अंतर्गत दलमा तराई क्षेत्र के बिंदुबेड़ा में तीन महीने बाद ट्रांसफार्मर लगा। यहां दर्जनों आदिम जनजाति परिवार बसोबास करते हैं और यह घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। बताया गया कि करीब तीन महीने से ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण आदिम जनजाति (सबर) के परिवार अंधेरे में जीवन जीने को मजबूर थे। नया ट्रांसफार्मर लगाने के लिए भाजपा के मंडल अध्यक्ष बासुदेव सिंह सरदार ने महती भूमिका निभाई है। झारखंड के विलुप्त प्रायः आदिम जनजाति के लोगों की मदद करने को जब कोई आगे नहीं आए, तब बासुदेव सिंह सरदार ने रांची सांसद संजय सेठ से आग्रह किया था। वहीं, विभागीय अधिकारियों से भी नया ट्रांसफार्मर लगाने के लिए कई बार कार्यालय के चक्कर काटे। जिसके बाद सांसद के अनुशंसा पर विभाग की ओर से नया ट्रांसफार्मर दिया गया। सोमवार को नीमडीह प्रमुख असित सिंह पात्र ने फीता काटकर ट्रांसफार्मर का उदघाटन किया। वहीं, आदिम जनजाति परिवारों को सुपुर्द किया। गांव में पुनः बिजली बहाल होने से आदिम जनजाति परिवारों के चेहरे पर खुशियां आई। इस मौके पर बासुदेव सिंह सरदार, कांचन सिंह, मानिक मंडल, मनोज सिंह, सुचाँद मछुआ, मधु सबर, रमेश सबर, लखाय सबर, बलदेव सबर, भानु सबर आदि लोग मौजूद थे।

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