बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री, वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा कि ऑस्टेलिया की तर्ज पर भारत में भी ऐसा कानून बनाया जाना चाहिए ताकि फेसबुक और गूगल जैसे बड़े कंपनियों को विज्ञापन से मिलने वाले राजस्व का हिस्सा खबरों के विषय वस्तु प्रदाता स्थानीय प्रकाशकों को मिल सके।
राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने पारम्परिक प्रिंट मीडिया और टेलीविजन चैनलों की आर्थिक स्थिति का मामला उठाते हुए कहा कि यह क्षेत्र अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि ऑस्ट्रेलिया के समान भारत में कानून बनाया जाए ताकि गूगल आदि को विज्ञापन के राजस्व हिस्से के लिए बाध्य किया जा सके और भारत के प्रिंट और न्यूज़ टीवी चैनल को आर्थिक संकट से उबारा जा सके।’’
मोदी ने कहा कि देश का प्रिंट मीडिया और न्यूज़ चैनल भारी संकट के दौर से गुजर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हाल के वर्षों में यूट्यूब, फेसबुक, गूगल के आने के बाद विज्ञापन का बड़ा हिस्सा इन टेक जाइंट्स के पास चला जाता है। बिना खर्च किए ये दूसरे के बनाए न्यूज कंटेंट को अपने प्लेटफार्म पर दिखला कर पैसा कमा रहे हैं और परंपरागत मीडिया विज्ञापन की आय से वंचित हो रहा है।’’
भाजपा सदस्य ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में जब पारंपरिक मीडिया के साथ ‘‘राजस्व बंटवारे’’ के लिए कानून बनाने की बात आई तो गूगल में सात दिनों तक समाचार सामग्री को रोक दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘अंतत: ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने न्यूज़ मीडिया सौदा संहिता कानून बनाया और गूगल को राजस्व बंटवारे के लिए बाध्य कर दिया।’’
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की तर्ज पर अनेक देशों में कानून बनाने की पहल हुई है।