झारखंड के मुख्यमंत्रीपद की शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन ने झारखंड की जनता को खास संदेश दिया है। इस संदेश को उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। वीडियो को शेयर करते हुए कल्पना सोरेन ने बताया कि कल प्रोजेक्ट भवन से कार्यों को निपटाने के बाद आवास आते वक्त हेमंत सोरेन ने राज्यवासियों के नाम संदेश दिया है।
वीडियो में हेमंत सोरेन ने कहा, आखिरकार षडयंत्र पर विजय पाकर हमने राज्य के विकास का स्टियरिंग अपने हाथ में ले लिया है। झारखंड अपने आप में बहुत ही अलग राज्य है। एक ऐसा राज्य जहां लोग दो वक्त की रोटी के लिए भी संघर्ष करते हैं, पलायन करते हैं। इस राज्य के प्रति सरकारों की संवेदनशिलताएं होनी चाहिए जो नहीं रही। उन्होंने आगे कहा, 2019 में आपने मुझे राज्य को दिशा देने का जिम्मा सौंपा। इसके बाद कोरोना काल में हमारे राज्य की क्या स्थिति थी, आपको पता है। सीमित संसाधन, डॉक्टरों और दवाओं के घोर अभाव के बावजूद कोरोना काल में काम किया।
उन्होंने कहा, मैं कई राजनीतिक अवरोध सरकार के सामने आते रहे। सरकार को गिराना, विधायकों की खरीद फरोख्त करना,गलत मुकदमें में फंसाना। इसका शिकार में भी हुआ और पांच महीनों तक जेल में रहना पड़ा। लेकिन आप लोगों ने 2019 में जो मुझे आशीर्वाद और ताकत दिया उसकी वजह से ही हमारी सरकार को एक भी खरोंच नहीं आने दी। मैं जेल गया तो चंपाई सोरेन को अपनी जगह सौंप दी। पांच महीने बाद कोर्ट के आदेश के बाद मैं बाहर आ पाया हूं।
बता दें, हेमंत सोरेन ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जमानत मिलने के एक हफ्ते के बाद गुरुवार शाम को राजभवन में 13वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। न्होंने कहा कि “सत्ता के नशे में चूर लोगों” ने उन्हें चुप कराने की कोशिश की, लेकिन अब राज्य की आवाज को मजबूती मिलेगी। हेमंत सोरेन ने चंापई सोरेन का स्थान लिया, जिन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में लगभग पांच महीने के संक्षिप्त कार्यकाल के बाद बुधवार को इस्तीफा दे दिया था झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने यहां राजभवन में हेमंत सोरेन को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।
हेमंत सोरेन के पिता और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, उनकी मां रूपी सोरेन, पत्नी कल्पना सोरेन तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाले गठबंधन के वरिष्ठ नेता भी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित थे। चंपई सोरेन भी इस अवसर पर मौजूद थे। हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में जमानत दिए जाने के बाद 28 जून को जेल से रिहा कर दिया था। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 31 जनवरी को उनकी गिरफ्तारी से कुछ समय पहले ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।