जमशेदपुर.7 अक्टूबर संवाददाता ..सोनारी की तीन सेविकाओं के द्वारा सही तरीके से आँगनबाड़ी केंद्र संचालन नहीं करने मामला सही पाया गया।… सीडीपीओ दुर्गेश नंदनी और सुपरवाइजर के औचक निरीक्षण और जाँच के दौरान खुलासा हुआ है।
सेविकाओं से माँगा गया स्पष्टीकरण
सेविकाओं से स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा गया कि सोनारी माझी कुली उषा देवी आँगनबाड़ी की सेविका के केंद्र का जब सीडीपीओ और सुपर वाइजर द्वारा 16 सितंबर को आँगनबाड़ी केन्द्र का औचक निरीक्षण किया गया तो केन्द्र बंद पाया गया। केन्द्र में सेविका एवं सहायिका अनुपस्थित थीं। वहाँ उपस्थित लाभुकों द्वारा बताया गया कि केन्द्र महीने में 4-5 दिन ही खुलता है। ऐसी स्थिति में बच्चों को महीने के 19 दिन पोषाहार नहीं दिया जा रहा है। आपके द्वारा कोई भी कार्य नहीं किया जाता है। आप रामाधीन बागान बर्मामाइंस में रहती है। कभी भी आपके केन्द्र पास आपका घर नहीं पाया गया। आपके द्वारा कभी भी केन्द्र सही समय में खोला नहीं जाता है और ना ही बंद किया जाता है। आप जब भी आते है 11 बजे खोलते है। क्यों नहीं आपको चयन मुक्त करते हुए आपके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाय।।
इसी तरह सोनारी सिद्ध कान्हू बस्ती आँगनबा?ी केंद्र की सेविका संगीता सरदार का जब सीडीपीओ और सुपरवाइजर
16.सितंबर को ऑगनबाड़ी केन्द्र का औचक निरीक्षण किया तो कई अनियमिता पाई गई और समय पर केंद्र नहीं खुलने की भी शिकायत मिली। सोनारी बिरसा बस्ती आँगन बा?ी केंद्र की सेविका शंकरी सोरेन के साथ भी ऐसा ही मामला निरीक्षण के दौरान आया। इस केन्द्र में 19 -20 बच्चे आते हैं और 35 बच्चों की फर्जी उपस्थिति बनाई जाती हैं,निजी सामान पाया गया है।
सीडीपीओ दुर्गेश नंदनी ने कहा कि जब तीन सेविकाओं पर कार्र्रवाई की गई तो सेविकाओं ने झूठे कमीशन के आरोप कार्यालय के पदाधिकारी और सुपरवाइजर पर लगा रही हैं और डीडीसी और डीसी से शिकायत कर के बचना चाह रही हैं।
अन्य सेविकाओं ने कहा कि सीडीपीओ और सुपरवाइजर और कार्यालय को तीनो सेविकाओं के द्वारा बदनाम किया जा रहा है। सोनारी की तीन आंगनबाड़ी सेविकाओं पर लगे गड़बड़ी के आरोप के बाद अब जमशेदपुर सदर की आंगनबाड़ी सेविकाओं ने कहा कि सीडीपीओ और सुपरवाइजर, कार्यालय को तीनो सेविकाओं के द्वारा बदनाम किया जा रहा हैं? सभी आंगनबाड़ी केंद्र के सेविकाओं ने एक सामूहिक आवेदन जिला के उपायुक्त और डीडीसी को दिया हैं, और कहा है कि यहां किसी तरह की कोई कमीशनखोरी नहीं हो रही है।
ज्ञापन में कहा गया है कि सीडीपीओ और सुपरवाइजर और कार्यालय के कर्मी ने कभी किसी भी आंगनबाड़ी सेविका से कमीशन नहीं मांगा है। आरोप लगाने वाली सेविकाओं के कारण सेविकाओं को लोग गलत नजरिए से देख रहे हैं, जबकि सभी सेविकाएं अपना कार्य नियमित रूप से कर रही है।