कोविड टास्क फोर्स के चीफ डॉ. पॉल बोले- कह नहीं सकते कब आएगी लहर
नई दिल्ली
कोरोना की तीसरी लहर कब आएगी इसको लेकर एक्सपर्ट्स अलग-अलग अनुमान जता रहे हैं। अब कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. वीके पॉल ने कहा है कि तीसरी लहर कब आएगी, इसे लेकर कोई स्पष्ट तारीख फिलहाल नहीं बताई जा सकती है। इससे पहले रविवार को कोविड वर्किंग ग्रुप के चीफ डॉ. एनके अरोड़ा ने 6-8 महीने में कोरोना की दूसरी लहर आने का अनुमान जताया था। केंद्र सरकार के अधिकारियों के बयानों से तीसरी लहर को लेकर कन्फ्यूजन और ज्यादा बढऩे लगा है।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने सोमवार को कहा, ‘तीसरी लहर कब आएगी, इसके लिए एक तारीख बताना सही नहीं होगा। वायरस का व्यवहार अनिश्चित है। एक अनुशासित और असरदार प्रतिक्रिया ही संभावित तीसरी लहर को रोक सकती है।’ डॉ. पॉल ने कहा कि किसी भी लहर का दायरा कई फैक्टर्स पर निर्भर करेगा जैसे कि कोविड से जुड़ा अनुशासन, टेस्टिंग – कंटेनमेंट को लेकर नीति और वैक्सीनेशन की गति। इसके अलावा वायरस का अनिश्चित व्यवहार भी महामारी की दशा-दिशा बदल सकता है।
डॉ. पॉल का कहना है कि कोई लहर आएगी या नहीं यह हमपर निर्भर करता है। इसके लिए कोई तारीख देना उनके हिसाब से सही नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा, ‘पीक में प्रतिदिन 4 लाख नए केस से अब हर दिन के नए मामले 50,000 तक आ गए हैं। धीरे-धीरे पाबंदियां हटाई जा रही हैं, अगर हम कोरोना के नियमों का पालन करते तो किसी भी लहर को रोक सकते हैं।’
इससे पहले कोविड वर्किंग ग्रुप के चीफ डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर 6-8 महीने में आ सकती है। उन्होंने आईसीएमआर की एक स्टडी के हवाले से ऐसा दावा किया था। उनका कहना था तीसरी लहर में अभी कम से कम 6 महीने का वक्त है, ऐसे में हमारे पास बड़ी आबादी को टीका लगा लेने का मौका है। तीसरी लहर को लेकर सरकार की तरफ से अलग-अलग विरोधाभासी बयान आते रहे हैं। कुछ दिनों पहले एम्स चीफ डॉ. गुलेरिया ने तीसरी लहर के 6-8 हफ्ते में आने का अनुमान जताया था।
कोरोना के डेल्टा प्लस वेरियंट को लेकर डॉ. पॉल ने कहा कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि डेल्टा प्लस वेरियंट ज्यादा संक्रामक है और वैक्सीन के असर को कम करता है। डॉ. पॉल ने कहा कि डेल्टा प्लस वेरियंट डेल्टा का म्यूटेशन है। इसके बारे में अभी केवल शुरुआती जानकारी है। यह ज्यादा संक्रामक है? इससे कोरोना के गंभीर मामलों का खतरा ज्यादा है? या फिर वैक्सीन के असर को कम करता है, ऐसा कोई प्रमाण फिलहाल हमारे पास नहीं है।’
कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन से मान्यता दिलाने की तैयारी जारी है। इस बारे में डॉ. वीके पॉल ने बताया, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन से कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी की प्रक्रिया अच्छे से आगे बढ़ रही है। हम जल्द इसके पूरा होने की उम्मीद कर रहे हैं।’ उनका कहना है कि फाइजर और मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन को भारत में जल्द से जल्द अप्रूवल दिलाने की सरकार कोशिश कर रही है।
उधर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मेडिकल पेशवरों से कोरोना वायरस महामारी की संभावित तीसरी लहर के बारे में दहशत नहीं पैदा करने का अनुरोध किया है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य जोर एहतियात पर होना चाहिए। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि कोविड को फैलने से रोकने वाले व्यवहार महामारी की तीसरी लहर से रक्षा कर सकते हैं।