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सिदगोड़ा लाइब्रेरी में मुक्ताकाश नाट्य-श्रृंखला के अंतर्गत मस्कल थियेटर की ओर से ज़िंदगी का तल्ख़ सच दिखाता ‘ऑन द अदर साइड’ नाटक मनुष्य की विभिन्न अवस्थाओं का संकेत देता हुआ व्यक्ति को त्रासद स्थिति में अपना अंत कर लेने पर विवश कर देता है। लेकिन मृत्योपरांत शून्य की स्थिति में आकर भी वह ऊहापोहों से लाख जूझने के बावजूद मुक्त नहीं हो पाता है। ऐसे में अंततः उसे जीवन-मूल्यों का गहरा एहसास होने लगता है। मौत के आईने में ज़िंदगी को निहारते हुए लेखक-निर्देशक ज्ञानदीप मरने के बाद क्या होता होगा और उससे जुड़े सवालात की गुत्थियों का तानाबाना बुनते रहे। स्थानीय ‘जीवन’ संस्था के सहयोग से मंचित इस प्रस्तुति में प्रेम शर्मा, विनय आनंद का अभिनय प्रभावी रहा। लाइटिंग, म्यूजिक, कॉस्ट्यूम, मेकअप में क्रमशः मोहित कुमार सिन्हा, अमन कुमार, गार्गी व उषा शर्मा का योगदान सराहनीय रहा। मो. कामरान का स्टेजक्रॉफ्ट, अनमोल, प्रदीप रजक, चंदन सुमन पूर्ति का विशेष सहयोग उल्लेखनीय है। अंकुर सारस्वत का नाट्य-संयोजन प्रस्तुति में जान डाल देता है।