Tata steel transport contract : क्यों सड़क परिवहन बंद कराने पर तुले हैं कंपनी अधिकारी: एसोसिएशन

ऑनर्स एसोसिएशन के बाद वेलफेयर एसोसिएशन ने भी किया विरोध
टाटा स्टील परिवहन टेंडर में 15 साल के फिटनेस को नहीं मानने का मामला

Jamshedpur,14 Nov: ट्रक ट्रेलर ऑनर्स एसोसिएशन के बाद आज जमशेदपुर ट्रक एंड ट्रेलर ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने परिवहन ढुलाई के टेंडर में 15 साल के सरकारी फिटनेस आदेश को नहीं मानकर अपना कानून चलाने के टाटा कंपनी के प्रस्ताव का विरोध किया. वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष  कुलविंदर सिंह पन्नु और महामंत्री बीरबल ओझा ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि फिटनेस अवधि को घटाने का टाटा कंपनी ने जो तुगलकी फरमान जारी किया है, उसे वापस लेना चाहिये. उल्लेखनीय है कि माल ढुलाई के लिये ट्रांसपोर्टरों के बीच कल 15 नवंबर को ही टेंडर होना है और इसमें उक्त फिटनेस की अवधि घटाने के अलावा कुछ ऐसी शर्तें लगाई गई है जो ट्रांसपोर्ट कारोबार का भट्ठा बैठानेवाली साबित होंगी. दोनों पदाधिकारियों ने कहा कि जैसा कि आज ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कुछ अधिकारी अपना इंसेंटिव बढ़ाने के लिये कंपनी का भट्ठा बैठा रहे हैं, ठीक उसी तरह पर्चेज विभाग के एक अधिकारी ट्रांसपोर्टरों के साथ मनमानी कर रहे हैं. ट्रांसपोर्टर हो या आम जनता, टाटा कंपनी को जी जान से पूजते है और  अधिकारियों से ज्यादा वे कंपनी के हित की चिंता करते हैं लेकिन या तो टाटा मोटर्स की गाडिय़ां बिकवाने के लिये या प्रबंधन की नजर में नाजायज कास्ट कंट्रोल की वाहवाही लूटने के लिये ये अधिकारी ट्रांसपोर्टर और इस व्यवसाय से जुड़े परिवार तथा इस धंधे में लगी पूंजी के साथ खतरनाक खेल खेल रहे हैं. टाटा कंपनी का लंबा इतिहास रहा है जब वह आम लोगों और उससे जुड़े कारोबारियों के हितों का भी उतना ही ख्याल रखते आई है, लेकिन इन दिनों एक संवादहीनता की स्थिति बन गई है, जहां लोगों और ट्रांसपोर्टरों की कोई सुनवाई नहीं होती. कानूनन कोई भी कांट्रैक्ट एक  विहित लागत सीमा के अंदर ही मान्य होता है लेकिन यहां ऐसे अधिकारी उस लागत खर्च का आकलन ही नहीं करते कि आखिर इतने कम दर और ऐसी शर्तों पर जबकि कोरोना के चलते अभी बाजार टूटकर पूरी तरह उठ भी नहीं पाया है तथा ईंधन की बेतहाशा की बढ़ी कीमतों की मार झेल रहा है, वहां कोई ट्रांसपोर्टर नयी गाडिय़ां कैसे खरीदेगा और इतने कम दर पर पचासों बंधनों के साथ कैसे कम कर सकेंगा। कंपनी सीधे कह दे कि वह ट्रांसपोर्टिंग का काम बंद करती है. एक झटके में जान मारने के बजाय रेत-रेतकर धंधे को मारने का काम कोई सार्वजनिक हितवाली टाटा घराना जैसे कंपनी कभी नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि सरकारी प्रावधानों के अनुसार 15 वर्ष के फिटनेस को कंपनी मान्यता दे और टेंडर में परिवहन के बढ़े हुए खर्च को ध्यान में रखकर भाड़े में वृद्धि करे. उन्होंने कहा कि कंपनी अगर हमारी बातों पर सुनवाई नहीं करती है और सडक़ पर आंदोलन करेंगे. उपर्युक्त बातें वेलफेयर एसोसिएशन की आज हुई बैठक में कही गई जिसकी अध्यक्षता कुलविंदर सिंह पन्नु ने की और उसमें बीरबल ओझा, कमलेश यादव, गुरुचरण सिंह बिल्ला, धनंजय सिंह, अशोक सिंह, कृपाल सिंह सिद्धू, धर्मेन्द्र प्रसाद, हरविंदर सिंह, रामाशीष यादव आदि उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन सचिव धनंजय सिंह ने किया.

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