नई दिल्ली,31 जनवरी: सरकार ने सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनी नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) को 12,100 करोड़ रुपये में टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीएसएलपीएल) को बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एनआईएनएल सार्वजनिक क्षेत्र की चार कंपनियों… एमएमटीसी लिमिटेड, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम , भेल और मेकॉन लिमिटेड समेत ओडिशा सरकार की दो कंपनियों का संयुक्त उद्यम है। एनआईएनएल का ओडिशा के कलिंगनगर में 11 लाख टन की क्षमता वाला एक एकीकृत इस्पात संयंत्र है। कंपनी भारी घाटे में चल रही है और यह संयंत्र 30 मार्च, 2020 से बंद है। जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के गठजोड़ और नलवा स्टील एंड पावर लिमिटेड, जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड और टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड (ञ्जस्रुक्क) ने एनआईएनएल को खरीदने के लिए वित्तीय बोली लगाई थी। इसमें टीएसएलपी सबसे बड़ी बोलीदाता बनकर उभरी थी। टीएसएलपी को आशय पत्र जारी किया जा रहा है।
बिक चुकी है एयर इंडिया: केंद्र सरकार विमानन कंपनी एयर इंडिया को बृहस्पतिवार को टाटा समूह को सौंप दिया गया। करीब 69 साल पहले समूह से विमानन कंपनी लेने के बाद उसे फिर टाटा समूह को सौंपा गया। सरकार ने प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के बाद आठ अक्टूबर को 18,000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया को टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया था। यह टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी की अनुषंगी इकाई है।
एलआईसी में भी सरकार बेचेगी हिस्सेदारी: जल्द ही मोदी सरकार एलआईसी में भी हिस्सेदारी बेचने वाली है। इसके लिए सरकार जल्द ही एलआईसी का आईपीओ लाने वाली है। उम्मीद की जा रही है कि मार्च अंत तक एलआईसी का आईपीओ आ जाएगा। मोदी सरकार एक के बाद एक लगातार बहुत सारी सरकारी कंपनियों को बेचकर अपनी जिम्मेदारियां कम कर रही है और तमाम आर्थिक गतिविधियों के लिए फंड जुटा रही है।
कंपनी के ऊपर भारी कर्ज और देनदारियां
एनआईएनएल का कलिंगनगर, ओडिशा में 1.1 एमटी की क्षमता वाला एक एकीकृत इस्पात संयंत्र है। कंपनी भारी घाटे में चल रही है और संयंत्र 30 मार्च, 2020 से बंद है। कंपनी पर पिछले साल 31 मार्च को ?6,600 करोड़ से अधिक का भारी कर्ज और देनदारियां हैं, जिसमें प्रमोटरों (?4,116 करोड़), बैंकों (?1,741 करोड़), अन्य लेनदारों और कर्मचारियों का भारी बकाया शामिल है। बयान में कहा गया है कि 31 मार्च 2021 तक कंपनी की संपत्ति नेगेटिव 3,487 करोड़ और संचित घाटा ?4,228 करोड़ था। बयां में कहा गया है कि लेन-देन एक खुले बाजार, कंपनी के उद्यम मूल्य के लिए प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया गया, इसमें 31.3.2021 को कंपनी की देनदारियां और 6 बेचने वाले पीएसई शेयरधारकों द्वारा कंपनी की 93.71त्न इक्विटी शामिल है।
ओडिशा सरकार की थी 32.47 प्रतिशत की हिस्सेदारी : विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, लेन-देन को मौजूदा परामर्शदात्री मल्टीलेयर निर्णय तंत्र-आधारित प्रक्रिया के माध्यम से पूरा किया गया, इसमें अंतर मंत्रालयी समूह (आईएमजी), विनिवेश पर सचिवों के कोर समूह (सीजीडी) और सशक्त वैकल्पिक तंत्र शामिल थे।