टाटा कंपनी के खिलाफ मंत्री बन्ना गुप्ता ने दिखाया तेवर, कहा लोगों के हक के लिये करेंगे आंदोलन

जमशेदपुर, 14 नवंबर (रिपोर्टर) : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने आज कहा कि टाटा स्टील के कुछ अधिकारी अपना इंसेंटिव लेने के लिये आम जनता और स्थानीय युवकों के रोजगार के हक को मारकर जमशेदपुर को सिर्फ धूल फंकवाना चाहते हैं. लीज शर्तों का उल्लंघन, टाटा कमिंस के कार्यालय को पुणे स्थानांतरित करने, बाहर की कंपनियों को यहां लाकर स्थानीय लोगों के रोजगार के हक को मारते हुए जॉब ऑफलोड करने की नीतियों का विरोध करते हुए कहा कि वे जनता के हक के लिये सडक़ से लेकर सदन तक विरोध करेंगे और आंदोलन करेंगे. शहर में फैली कचड़ों के ढेरों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक नमूना है, लेकिन इसके लिये वे चुप नहीं बैठेंगे. वे कचड़ा उठाकर अधिकारियों के घर के सामने फेंक देंगे. औद्योगिक नगरी का विरोध और नगर निगम की स्थापना की उन्होंने जोरदार ढंग से मांग की.
बन्ना गुप्ता का अंदाज बिल्कुल बदला बदला सा था. उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद से ही वे लगातार अधिकारियों के समक्ष अनुनय विनय कर रहे हैं, लेकिन वे ध्यान नहीं दे रहे. टाटा कमिंस के कार्यालय को पुणे स्थानांतरित करने का जिक्र करते हुए कहा कि यह काम जालियांवाला बाग की तरह है, जो कांड हुआ भारत में और मुकदमा चला लंदन में. उसी तरह कंपनी का मुख्यालय महाराष्ट्र में ले जाकर वहां वे अपना न्यायिक अधिकार क्षेत्र बनाना चाहते हैं, ताकि यहां का कोई आदमी अपने हक के लिये यहां की अदालतों में मुकदमा न कर सके.
टाटा स्टील इनदिनों चारों ओर से जन असंतोष के बीच घिरती नजर आ रही है. विधायक सरयू राय, मंत्री चंपाई सोरेन, कंपनी कार्यों की ढुलाई में लगे परिवहनकर्ता तमान पक्ष कंपनी अधिकारियों की नीतियों से बुरी तरह असंतुष्ट और आंदोलित दिख रहा है. संवाद कायम करने के लिये कोई जिम्मेवार अधिकारी सामने नहीं आते कॉरपोरेट कम्युनिकेशन भी पूर्व की तरह लोगों के बीच संवाद कायम करने में लाचार दिखता है. जुबिली पार्क को लेकर सरयू राय, अभय सिंह ने विरोध का बिगुल फूंका उस समय ऐसी चर्चा थी कि मंत्री बन्ना गुप्ता की शह पर कंपनी ने इसे बंद किया है. लेकिन आज बन्ना गुप्ता ने साफ किया कि कंपनी व्यवसायिक कारणों से जुबिली पार्क को बंद करने की योजना बना रही थी जिसका वे विरोध कर रहे थे.
आज स्थानीय सर्किट हाउस में संवाददाता सम्मेलन कर उन्होंने कंपनी प्रबंधन की कई खामियां गिनाई तथा सीधे लहजे में चेतावनी दे डाली कि अगर कंपनी प्रबंधन सरकार के नियम कानून के अनुसार नहीं चलेगा तो सरकार के पास और भी कई हथकंडे हैं जिसका प्रयोग कर कंपनी का ‘इलाज’ किया जा सकता है. श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार ने कंपनी को नाम मात्र के शुल्क में हजारों एकड़ भूखंड दिया है, जिसका व्यावसायिक उपयोग कर कंपनी करोड़ों-अरबों में खेल रही है. एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अबतक की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने शिड्यूल-3 की लगभग 2206 एकड़ जमीन 2 रु प्रति एकड़ सालाना के हिसाब से कंपनी को दी है इसके बदले लीज समझौता में यह प्रावधान किया गया है कि कंपनी यहां रहनेवाले लोगों को नागरिक सुविधा मुहैया कराएगी, लेकिन कंपनी अब उस पर मनमर्जी शुल्क वसूल रही है. कहीं होर्डिंग तो कही होटल या मनोरंजन के नाम पर एक तरह से शहरवासियों से उगाही हो रही है. सोनारी दोमुहानी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यहां भी 20 एकड़ जमीन में लगाए गए बड़े बड़े पौधे काट दिए गए. टाटा कंपनी की क्षमता 10 मिलियन टन किए जाने के विषय में उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी ढांचा हटाए जाने की कार्रवाई पहले की जानी चाहिए थी लेकिन कंपनी ने पहले विस्तारीकरण किया अब ढांचा हटाने का काम कर रही है.उन्होंने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर सीएसआर मद में कंपनी द्वारा किए गए खर्च का ब्यौरा भी मांगा है. संवाददाता सम्मेलन में उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल किशोर अग्रवाल तथा जम्मी भास्कर भी मौजूद थे.

…तो जुस्को कार्यालय में फेंकवा देंगे कचड़ा
बन्ना गुप्ता ने कहा कि शहर में साफ सफाई की स्थिति काफी बदतर हो चुकी है.जहां-तहां कचरा देखने को मिल जाएंगे. मेरीन ड्राइव में गंदगी का अंबार लग चुका है, जिससे आने जाने वाले लोगों को परेशानी होती है. उन्होंने कहा की कंपनी के कुछ अधिकारी अपनी रेटिंग बढ़ाने के लिए जेएन टाटा के सपनों को चकनाचूर कर रहे हैं. स्पष्ट लहजे में उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर सफाई की स्थिति नहीं सुधरी तो वह इन कचड़ों को उठाकर जुस्को कार्यालय और अधिकारियों के घरों के आगे फेंकवा देंगे.

आंदोलन में झामुमो के साथ
श्री गुप्ता ने टाटा कमिंस का मुख्यालय पुणे शिफ्ट करने के मुद्दे पर कहा कि इसपर कंपनी को पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि जब कंपनी यहां है तो मुख्यालय भी यहां होना चाहिए. उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स का मुख्यालय और कामकाज को जमशेदपुर में पूरी तरह शुरु करने के लिये आंदोलन शुरु किया जाएगा. इस संदर्भ में झामुमो द्वारा घोषित 17 नवंबर को कंपनी गेट जाम में भी उन्होंने जनहित में साथ देने की बात कही. कहा कि जो भी जनहित का विषय होगा उसमें वे खुलकर साथ रहेंगे.

औद्योगिक नगर का विरोध
मंत्री ने टाटा द्वारा औद्योगिक नगर बनाने की दिशा में पहल करने का जोरदार विरोध किया. कहा कि कंपनी प्रबंधन इस विषय में सर्वोच्च न्यायालय को भी गुमराह कर रहा है. इस कारण यहां के निवासी त्राहिमाम है. उन्होंने कहा कि लोगों के तीसरे मत देने का अधिकार किसी भी सूरत में वंचित नहीं किया जाना चाहिए. इसलिए वे औद्योगिक नगर बनाने के खिलाफ खड़ा रहेंगे.

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