जमशेदपुर, 23 जून : टाटा स्टील के सीईओ व ग्लोबल प्रबंध निदेशक टी वी नरेन्द्रन ने एन एस ग्रेड के कर्मचारियों के पीएफ के पैसे से लोन लेने व चुकता नहीं करने पर चिन्ता जतायी है. इसके लिए पीएफ ट्रस्टी कमेटी को ऐसे कर्मचारियों की समीक्षा कर उन्हें काउंसिलिंग करने की सलाह दी है जिससे वे अपने भविष्य के पैसे को अपने ऐशोआराम के लिए बर्बाद नहीं करें.
टाटा स्टील का एजीएम 28 जून को मुम्बई में होगा. उससे पहले एक बार कंपनी के सीईओ व ग्लोबल प्रबंध निदेशक टी वी नरेन्द्रन व कंपनी के गु्रप एक्सक्यूटिव डायरेक्टर फाइनांस व कॉरपोरेट कौशिक चटर्जी ने कमेटी के सदस्यों के साथ ऑनलाइन बैठक की जिसमें जमशेदपुर से पीएफ कमेटी के सदस्य समेत कंपनी के कई वरीय अधिकारी जुड़े. एमडी ने नए कर्मचारियों के पीएफ की जमा राशि से नॉन रिफंडेबल विड्रॉल, एनआरडब्ल्यू लेने पर चिन्ता जतायी. उन्होंने कर्मचारियों व उनके परिवार के भविष्य की चिन्ता जताते हुए सलाह दी है कि वे ऐसे न करें क्योंकि यहीं जमा पूंजी उनके भविष्य के काम में आयेगी. उनके बच्चों के काम में आयेगी. बताया जाता है कर्मचारी पीएफ की जमा राशि से महंगी कार, मोबाइल व ऐशोआराम के लिए 90 प्रतिशत तक लोन ले लेते हैं जो जमा नहीं करते. इस प्रक्रिया को नॉन रिफंडेबल विड्रॉल कहते हैं. एमडी के कर्मचारियों के हित में दी गई सलाह को गंभीरता लेते हुए पीएफ ट्रस्टी ने पिछले करीब एक वर्ष का रिकॉर्ड निकाला है जिसमें देखा है कि पीएफ की राशि से एनआरडब्ल्यू लेने वाले कर्मचारी एन एस ग्रेड के हैं. इन कर्मचारियों का रिकॉर्ड तैयार कर उनकी काउंसिलिंग करने की तैयारी की है. इस मौके पर पीएफ ट्रस्टी कमेटी से जोगिन्दर सिंह जोगी, अमोद दुबे, ओपी सिंह व मनोज मिश्रा ऑनलाइन जुड़े थे.