टाटा स्टील में बोनस समझौता कल, कर्मचारियों के बीच बटेंगे 325 करोड़ रुपये

अलग से मिलेंगे 11-11 हजार रुपये गिफ्ट
जमशेदपुर, 8 सितम्बर (रिपोर्टर): टाटा स्टील में शुक्रवार को बोनस समझौता होगा. कर्मचारियों के बीच 325 करोड़ रुपये बोनस के रूप में राशि बांटी जाएगी. वहीं प्रत्येक कर्मचारी को 11-11 हजार रुपये गिफ्ट के रूप में दिया जाएगा. प्रत्येक कर्मचारी को करीब 20 प्रतिशत बोनस मिलेगा.
गुरुवार की दोपहर टाटा स्टील के सीईओ व ग्लोबल प्रबंध निदेशक टी वी नरेन्द्रन जमशेदपुर पहुुंचे. सुबह में प्रबंधन के साथ यूनियन पदाधिकारियों की बैठक हुई. उसके बाद शाम में कंपनी के सीईओ व ग्लोबल प्रबंध निदेशक टी वी नरेन्द्रन के साथ टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी, डिप्टी प्रेसीडेंट शैलेश सिंह व महामंत्री सतीश सिंह की बोनस को लेकर बैठक हुई. सूत्रों की मानें बोनस को अंतिम रूप दे दिया गया है. शुक्रवार की सुबह नौ बजे फिर एक राउंड की बैठक होगी. वहीं यूनियन के पदाधिकारियों को सुबह करीब दस बजे बुलाया गया है जिसमें कंपनी के सीईओ व ग्लोबल प्रबंध निदेशक टी वी नरेन्द्रन के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर होगा. बताया जाता है कि कर्मचारियों के बीच 325 करोड़ रुपये बोनस के रूप में बांटी जाएगी. प्रत्येक कर्मचारी को करीब 20 प्रतिशत बोनस मिलेगा. सरकारी प्रावधान के अनुसार 20 प्रतिशत से अधिक बोनस नहीं दिया जा सकता है, इसलिए प्रत्येक कर्मचारी को 11-11 हजार रुपये नगद या गिफ्ट कूपन मिलेगा. बताया जाता है कि एनएस ग्रेड कर्मचारियों को फायदा दिलाने के लिए सभी कर्मचारियों के बीच गिफ्ट के रूप में समान राशि देने का निर्णय लिया है. टाटा स्टील जमशेदपुर प्लांट, ट्यूब डिवीजन, कलिंगानगर के अलावा माइंस व कोलियरी में कार्यरत करीब 23 हजार कर्मचारियों के बीच 325 करोड़ रुपये की राशि बांटी जाएगी. पिछले वर्ष कर्मचारियों के बी 270.28 करोड़ रुपये की राशि बांटी गई थी. कर्मचारियों को करीब 16 प्रतिशत बोनस आ रहा था.
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पुराने फार्मूले पर ही मिलेगा बोनस
टाटा स्टील में एक बार फिर कर्मचारियों को पुराने फार्मूले के आधार पर बोनस मिलेगा. 2020 में ही बोनस को लेकर फार्मूले की अवधि पूरी हो गई थी. 2021 में भी प्रबंधन व यूनियन के बीच नया फार्मूला नहीं बना था जिससे पुराने फार्मूल पर समझौता हुआ था. वहीं इस बार भी नया फार्मूला नहीं बनाया गया. बोनस वार्ता के दौरान प्रबंधन यूनियन पर नया फार्मूला बनाने पर दबाव दे रहा था लेकिन टाटा स्टील में इस बार अधिक मुनाफे को देखते हुए यूनियन नेतृत्व ने नया फार्मूला नहीं बनाया.

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