टाटा मोटर्स में कल से 8 दिसंबर तक वीआरएस की तिथि तय, कंपनी ने जारी किया सर्कुलर

45 प्लस कर्मचारी हो सकेंगे शामिल
जमशेदपुर, 7 नवंबर (रिपोर्टर) : टाटा मोटर्स में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना कल 8 नवंबर से लेकर आठ दिसंबर 2023 तक वीआरएस लेने की तिथि निर्धारित की गई है। वीआरएस की खबर आने के बाद जहां मेडिकल अनफिट वाले खुश हैं वहीं लंबे समय तक अवकाश पर रहने के बावजूद जो इस स्कीम में शामिल नहीं होना चाहते हैं वे भयभीत हैं। मंगलवार को कंपनी प्रबंधन की ओर से सर्कुलर जारी किया गया जिसमें 45 साल से उपर वाले कर्मचारियों को इस स्कीम में शामिल करने को कहा गया है।
टाटा मोटर्स प्रबंधन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार कर्मचारियों के आग्रह पर 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना की पेशकश की गई है। वीआरएस पैकेज में लाभांश के रूप में सेवा के वर्षों और या शेष कार्यकाल, ग्रेच्युटी, नकदीकरण, निरंतर स्वास्थ्य बीमा के साथ-साथ वित्तीय और सेवानिवृत्ति योजना पर मार्गदर्शन के आधार पर विच्छेद मुआवजा शामिल है, जो कि उद्योग में सर्वोत्तम है। कर्मचारी आठ नवंबर से आठ दिसंबर तक इसका लाभ उठा सकते हैं।
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कोरोना काल के बाद आयी थी वीआरएस
कंपनी अपने कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना की आफर दी है। कर्मचारी आठ नवंबर से आठ दिसंबर तक योजना का लाभ उठा सकते हैं। इससे पहले कंपनी की ओर से 15 दिसंबर 2021 में कोरोना काल के बाद कर्मचारियों के बीच वीआरएस योजना आई थी, जिसमें तीन से चार साल शेष रहे नौकरी वाले अधिकतर कर्मियों ने इसका लाभ उठाया था। स्कीम लेने वालों में ज्यादातर मेडिकल अनफिट, लंबे समय से अवकाश पर चले कर्मचारी और दो-तीन साल सर्विस बचे कर्मचारी व अधिकारी थे। कंपनी की यह पहल लागत को कम करने की है। कंपनी ने इसके लिए खास क्राइटेरिया भी तय किया है। इससे पहले कंपनी की ओर से 15 दिसंबर 2021 में कोरोना काल के बाद कर्मचारियों के बीच वीआरएस योजना आई थी, जिसमें तीन से चार साल शेष रहे नौकरी वाले अधिकतर कर्मियों ने इसका लाभ उठाया था।

वीआरएस लेने के लिए कोई दबाव नही : यूनियन
टाटा मोटर्स में वीआरएस का सर्कुलर आने के साथ ही टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन सक्रिय हो गई। वहीं यूनियन अपनी कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर वीआरएस की जानकारी दी। बैठक में यूनियन अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते, महामंत्री आरके सिंह समेत सभी पदाधिकारी व कमेटी मेंबर शामिल हुए। कहा गया कि कर्मचारियों का दबाव था कि जो लोग काम करने में अक्षम हैं, मेडिकल अनफीट चल रहे हैं उनके लिए स्कीम लाना आवश्यक है। अध्यक्ष-महामंत्री ने स्पष्ट किया कि यह
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना है इसमें किसी के साथ जोर-जबरन नहीं होगा। जो कर्मी अपनी स्वेच्छा से इस योजना में शामिल होना चाहते हैं वे हीं आवेदन देंगे। यूनियन पदाधिकारियों व कमेटी मेंबरों को निर्देश दिया गया कि वे अपने-अपने डिवीजन में जाकर स्कीम लेने वालों से संपर्क करें तथा उनकी बातें सुने। वीआरएस लेने के लिए किसी तरह का दबाव नहीं बनाया जाएगा।

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