टाटा ग्रुप भारत में बनाएगा आईफोन:विस्ट्रॉन के साथ 1,000 करोड़ में डील फाइनल

, 2.5 साल में शुरू होगा प्रोडक्शन
बेंगलुरु
Tata ग्रुप जल्द ही iPhone की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करेगा. कंपनी लोकल और ग्लोबल मार्केट दोनों के लिए iPhone की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करेगी. इसकी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने दी है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब टाटा भारत में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग कर पाएगा, ये महज ढाई साल में हुआ है.
राजीव चंद्रशेखर ने इस बारे में सोशल मीडिया X पर पोस्ट किया है. जहां पहले दुनियाभर में बिकने वाले ज्यादातर iPhone चाइना में मैन्युफैक्चर होते थे. वहीं अब भारत में धीरे-धीरे iPhone की मैन्युफैक्चरिंग होने लगी है. हालांकि, कुछ वक्त पहले तक भारत में पुराने iPhone मॉडल्स को असेंबल किया जा रहा था.
टाटा ने किया अधिग्रहण

कंपनी ने अब लेटेस्ट मॉडल्स की मैन्युफैक्चरिंग भारत में शुरू कर दी है. इस बार लॉन्च हुआ iPhone 15 भी भारत में मैन्युफैक्चर हुआ है और पहले दिन से मार्केट में बिक रहा है. टाटा ने भारत में iPhone की मैन्युफैक्चरिंग के लिए टाइवान की कंपनी Wistron Corp का अधिग्रहण किया है.
टाटा ग्रुप भारत में आईफोन बनाएगा। एपल की सप्लायर विस्ट्रॉन की फैक्ट्री के अधिग्रहण की डील शुक्रवार को फाइनल हो गई। विस्ट्रॉन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने इस सेल को शुक्रवार को मंजूरी दी। इस मंजूरी के बाद सूचना एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ढाई साल के भीतर आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो जाएगी।

टाटा के टेकओवर के बाद भारत को एपल प्रोडक्ट्स के लिए अपनी पहली डोमेस्टिक यानी स्वदेशी प्रोडक्शन लाइन मिल जाएगी। टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) के साथ विस्ट्रॉन इन्फोकॉम मैन्युफैक्चरिंग (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को बेचने की डील $125 मिलियन (करीब 1000 करोड़ रुपए) में हुई है।

विस्ट्रॉन ने 2008 में इंडियन मार्केट में एंट्री की थी
ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन ने 2008 में इंडियन मार्केट में एंट्री की थी, तब कंपनी कई डिवाइसेस के लिए रिपेयर फैसिलिटी प्रोवाइड कराती थी। इसके बाद 2017 में कंपनी ने अपने ऑपरेशंस को एक्सपेंड किया और एपल के लिए आईफोन का प्रोडक्शन शुरू किया था। विस्ट्रॉन के इस प्लांट में 10,000 से ज्यादा वर्कर्स काम करते हैं।

विस्ट्रॉन को प्रॉफिट में आ रही चुनौती
एक मीडिया रिपोर्ट रिपोर्ट के मुताबिक, एपल की शर्तों के तहत प्रॉफिट हासिल करने में चुनौतियों के कारण विस्ट्रॉन ने भारत में अपनी आईफोन असेंबली फैक्ट्री बेचने का यह फैसला किया। कंपनी को भारत में केवल आईफोन असेंबली प्रोवाइडर के रूप में मुनाफा कमाने के लिए बहुत ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ रहा था।

विस्ट्रॉन के भारतीय प्लांट में 8 प्रोडक्शन लाइन
वर्तमान में विस्ट्रॉन का भारतीय प्लांट अपनी 8 प्रोडक्शन लाइनों में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है। टाटा के अधिग्रहण के बाद विस्ट्रॉन पूरी तरह से भारतीय मार्केट से बाहर हो जाएगा, क्योंकि यह भारत में एपल प्रोडक्ट्स का प्रोडक्शन करने वाला कंपनी का एकमात्र प्लांट है।

तीन ताइवानी फर्मों में से सिर्फ विस्ट्रॉन भारत छोड़ रही है
पिछले साल कैलिफोर्निया बेस्ड कंपनी एपल ने चीन और अमरीका के बीच विवाद के कारण अपने ग्लोबल प्रोडक्शन का लगभग 25% भारत में शिफ्ट करने के प्लान की घोषणा की थी। एपल प्रोडक्ट्स को असेंबल करने वाली तीन ताइवानी फर्मों में से सिर्फ विस्ट्रॉन भारत छोड़ रही है। जबकि, फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन ने भारत में अपनी प्रोडक्शन लाइनें बढ़ा दी हैं

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