जमशेदपुर, टाटानगर से अमृतसर जाने वाली जालियाबाग एक्सप्रेस ट्रेन एक दिसंबर से फरवरी तक रद्द कर दी गई है। इसके पीछे रेलवेद्वारा कोहरा को कारण बताया गया है. यह बात अलग है कि इसी मार्ग परअन्य ट्रेनों का परिचालन हो रहा है।यह पहला मौका नहीं है कि जालियाबाग पर यह गाज गिरी है।इसके पूर्व भी पिछले कई सालों से कोहरा के नाम पर इस ट्रेन को रद्द किया जाता रहा है। हलांकि पिछले साल जब जमशेदपुर के सिख संगठनों ने तीखा विरोध किया और आंदोलन की चेतावनी तक दे डाली तब इसका परिचालन शुरु कर दिया गया। इसी मार्ग से होकर टाटा जम्मू ट्रेन का परिचालन हो रहा है। कोहरा के नाम पर कई अन्य ट्रेने भी रद्द कर दी गई है लेकिन जब इसका विरोध होता है तो इसका परिचालन शुरु कर दिया जाता है। कुछ ऐसा ही मामला आज सामने आया।
रांची से दिल्ली जाने वाली झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस को कोहरे के कारण रद्द कर दिया गया था. लेकिन जब पलामू के सांसद बी डी राम ने इस मुद्दे पर रेल मंत्री से बात की तो रेलवे ने एक बार फिर से इस ट्रेन को बहाल कर दिया है. ट्रेन का परिचालन पूर्व की तरह होता रहेगा. झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस जो रांची से दिल्ली के बीच चलती है, इस ट्रेन को कोहरे की वजह से 2 दिसंबर से 10 जनवरी तक के लिए रद्द कर दिया गया था.पूरे मामले को लेकर पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की थी. वहीं रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार को पत्र भी लिखा था. पलामू सांसद विष्णु दयाल राम की पहल पर साउथ ईस्टर्न रेलवे ने एक बार फिर से इस ट्रेन को रि-स्टोर कर दिया है.
झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस ट्रेन को पलामू क्षेत्र के लिए लाइफ लाइन माना जाता है. इस ट्रेन से बड़ी संख्या में लोग दिल्ली तक का सफर करते हैं. यह ट्रेन झारखंड-बिहार उत्तर प्रदेश को जोड़ती है. पलामू के अलावा गढ़वा, लातेहार, रांची और लोहरदगा के बड़ी संख्या में यात्री झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस से सफर करते हैं. पिछले कुछ वर्षों से कोहरे के कारण इस ट्रेन को रद्द कर दिया जाता था.
पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने कहा कि 38 दिनों तक के लिए ट्रेन रद्द करना सही नहीं है. इस परंपरा को खत्म किया जाना चाहिए. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इस तरह के निर्णय की परंपरा को खत्म करने वाली मानी जाती है. सांसद विष्णु दयाल राम ने कहा कि इस ट्रेन के शुरू होने से पलामू समेत झारखंड के रहने वालों को सुविधा मिलेगी, वहीं इस कार्य के लिए पलामू सांसद ने रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड को धन्यवाद दिया है
यहां सवाल उठता है कि कोहरा के नाम पर कुछ चुनिंदा ट्रेनों पर ही रेलवे की गाज क्यों गिरती है। यदि कोहरा के नाम पर ट्रेन का परिचालन बंद किया जाता है तो उसे विरोध पर ही शुरु कर दिया जाता है। इसे लेकर यह कहा जाने लगा है कि जरुर दाल में कुछ काला है।