सीआईआई ने बजट से पहले भेजा केन्द्र सरकार को सुझाव
यह व्यवस्था 12 महीने के लिए किए जाएं लागू
ओमिक्रोन का कम प्रभाव बेहतर टीकाकरण का असर
जमशेदपुर: टाटा स्टील के सीईओ व ग्लोबल प्रबंध निदेशक व कांफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज, सीआईआई के चेयरमैन टी वी नरेन्द्रन ने केन्द्र सरकार को आमबजट से पहले सुझाव भेजा है कि कंपनियों से प्रत्येक वित्तीय वर्ष में उनके मुनाफे के दो प्रतिशत सीएसआर फंड का प्रावधान किया गया है उसके अलावा देश में बूस्टर डोज की व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए एक प्रतिशत अतिरिक्त सीएसआर फंड लिए जाएं. यह व्यवस्था 12 महीने के लिए प्रभावी किया जाए. उन्होंने कोरोना महामारी की तीसरी लहर के दौरान पेश किए जाए जाने वाले आर्थिक सुधार को मजबूत करने के उपाय पर ध्यान केन्द्रित करने की उम्मीद जतायी है.
टाटा स्टील के सीईओ व ग्लोबल प्रबंध निदेशक व सीआईआई के चेयरमैन टी वी नरेन्द्रन ने केन्द्र सरकार से समुदाय को बूस्टर डोज प्रदान करने की दिशा में सीएसआर फंडिंग को तैनात करने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित करने की अपील की है. इसके अलावा उद्योगों से अनिवार्य दो प्रतिशत के अलावा राष्ट्रीय टीकाकरण मिशन में सीएसआर मानदंडों के तहत अतिरिक्त एक प्रतिशत का योगदान लेने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था 12 महीने की अवधि के लिए हो. उन्होंने कहा कि आज देश में ओमिक्रोन का असर जो कम हुआ है उसमें बेहतर टीकाकरण का असर है. अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण होने के कारण ओमक्रोन का असर कम रहा है. उन्होंने कहा कि कंपनियों की आर्थिक गतिविधि चलती रहे इसके लिए कर्मचारियों के लिए भी बूस्टर डोज की बेहतर व्यस्था हो जिससे कार्यस्थल पर कर्मचारी सुरक्षित रह सके. उन्होंने कहा कि पिछली सिफारिशों को भारत सरकार का समर्थन मिला और हम इसके लिए प्रधानमंत्री का आभारी हैं. उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की कि जो भी काम पाइपलाइन में है उसमें निवेश किए गए हैं उसमें तेजी लायी जाए. बूस्टर डोज के लिए आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश की विकास दर 9.2 प्रतिशत तभी होगी जब आर्थिक गतिविधियां तेज करने होगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए मांग व आपूर्ति सुचारू रूप से उपलब्ध होने पर संभव है.
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राज्य सरकारों से भी अपील, आर्थिक गतिविधियों से हटे प्रतिबंध
उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर में ओमिक्रोन का असर कम देखने को मिल रहा है, इसलिए रा’य सरकारों को भी चाहिए कि आर्थिक गतिविधियों से प्रतिबंध हटाया जाए. यह देखते हुए कि कोरोना के मरीज ओमिक्रोन के कारणअस्पताल में कम हैं. अस्पताल में बेड अधिक है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि महामारी की तीसरी लहर के दौरान आने वाले बजट में आर्थिक सुधार को मजबूत करने के उपायों पर ध्यान केन्द्रित किए जाएं. स्थानीय स्तर पर जहां आवश्यक हो वहां प्रतिबंध लगाने के लिए रा’य सरकारों को प्रधान मंत्री के मार्गदर्शन के अनुरूप विचार करना चाहिए. जब अस्पताल में भर्ती होने की दर 75 प्रतिशत से अधिक हो. उन्होंने कहा कि सामान्य आर्थिक गतिविधियों को बनाए रखने, रोजगार व आजीविका की रक्षा के लिए इस तरह के कदम उठाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि अब 15 से 18 वर्ष के बच्चॉ का भी टीकाकरण शुरू हो गया है.