उत्तराखंड में 51 मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर करने के ऐलान का स्वामी ने किया स्वागत, ‘शाह वाली बीजेपी’ पर कही बड़ी बात

स्वामी ने साथ में यह भी लिखा कि वह पार्टी की खुलकर आलोचना करते रहेंगे लेकिन शाह के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी बदल गई है
नई दिल्ली
उत्तराखंड में 51 मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त किए जाने के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के ऐलान का बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने स्वागत किया है। मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर करने के लिए आवाज उठाने वाले स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि यही वजह है कि बीजेपी का भविष्य बाकी पार्टियों के मुकाबले उज्ज्वल है। हालांकि, साथ में उन्होंने यह भी लिखा कि अमित शाह के बीजेपी अध्यक्ष बनने (अब जेपी नड्डा बीजेपी अध्यक्ष हैं) के बाद पार्टी में चीजें बदल गईं हैं।
दरअसल एक ट्विटर यूजर ने उत्तराखंड में 51 मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त किए जाने के ऐलान का श्रेय सुब्रमण्यन स्वामी को देते हुए लिखा कि राज्य सरकार ने अपनी गलती सुधार ली है। उसी ट्वीट पर जवाब देते हुए स्वामी ने लिखा, ‘यही वजह है कि बीजेपी का भविष्य अन्य पार्टियों के मुकाबले बेहतर है। मैं पार्टी की तभी खुलकर आलोचना करूंगा जब वह स्थापित नीति से विचलित होगी। जब गडकरी और राजनाथ अध्यक्ष थे तब हम फोरमों में बात कर सकते थे। लेकिन अमित शाह के अध्यक्ष बनने के बाद चीजें बदल गई हैं।’ फिलहाल जेपी नड्डा बीजेपी के अध्यक्ष हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनकी सरकार चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन के फैसले की समीक्षा करेगी। अपने पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सिंह रावत के फैसले को पलटने का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि 51 प्रमुख मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से बाहर किया जाएगा। इन मंदिरों में बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री जैसे प्रमुख मंदिर भी शामिल हैं जिन्हें चारधाम के नाम से जाना जाता है।सुब्रमण्यन स्वामी मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटा चुके हैं। पिछले साल जुलाई में उन्होंने चारधाम देवस्थानम मैनेजमेंट बोर्ड के गठन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उससे पहले जुलाई 2020 में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने देवस्थानम बोर्ड के गठन के त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के फैसले की संवैधानिक वैधता पर मुहर लगाई थी। देवस्थानम बोर्ड के जरिए मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण के खिलाफ कई हिंदू संगठनों ने ‘फ्री टेंपल’ मुहिम चलाया था। तत्कालीन त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के खिलाफ हिंदू संगठनों में आक्रोश भी बढ़ा था।

Share this News...