कदमा-स्वामी सहजानंद जयंती सह पारिवारिक मिलन समारोह, राज्य सभा सदस्य अखिलेश सिंह समेत कई अतिथि शामिल

स्वामी सहजानंद सरस्वती कल्याण संस्थान ,कदमा एवं ब्रह्मर्षि विकास मंच द्वारा आज स्वामी जी की 133 वीं जयंती सह पारिवारिक मिलन समारोह आयोजित किया गया जिसमें रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम उल्लेखनीय रहा। कार्यक्रम में कलाकार के के गोस्वामी के साथ अभिनेता अवधेश मिश्रा, बिहार से आए गायक गोलू राजा की टीम, गायिका रितु राय आदि ने अपनी प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम में बलिया से आये कलाकार गोपाल राय के पुत्र कार्तिक राय भी शामिल हुए।संस्थान के अध्यक्ष दीपू सिंह, ब्रह्मर्षि विकास मंच के अध्यक्ष विकास सिंह ने कलाकारों का अभिनंदन किया। समारोह में राज्य सभा सदस्य डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह,भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संतोष रंजन , सांसद विद्युत वरण महतो ब्रह्मर्षि समाज जमशेदपुर के महासचिव अनिल ठाकुर, कदमा ब्रह्मर्षि समाज के जय कुमार , भाजपा नेता बबुआ सिंह, हिंदुस्तान मित्र मंडल के गिनीज बुक होल्डर अखिलेश चौधरी, ओम ब्रह्मर्षि विकास मंच के धनंजय राय बबलू, पूर्व महासचिव राजकिशोर सिंह, एम जी एम के चिकित्सक डॉ अरुण कुमार , इंडो डेनिस टूल रूम के उप महाप्रबंधक आशुतोष कुमार ,आदित्यपुर के श्री राम ठाकुर, सुधीर कुमार समेत अन्य गण्यमान अतिथियों प्रदेश कांग्रेस के अशोक चौधरी आदि की उपस्थिति शोभायमान रही। भोजपुरी गायक गोलू राजा, गायिका रितु राय ने आरंभिक भजनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। कलाकार के के गोस्वामी ने जय बिरसा मुंडा कहकर सबका अभिनंदन किया।
पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संतोष रंजन राय ने कहा नीचे झुक कर भी समाज को ऊंचा उठाने की कोशिश होनी चाहिए।
सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि ब्रह्मर्षि समाज अपनी मेहनत के बल पर काम करता है। बिहार में इस समाज को भूमिहार और झारखंड में इसी तरह महतो समाज को लोग भूमिहार कहकर टीका टिप्पणी करते हैं। श्री महतो ने कहा कि सांसद फण्ड से कदमा में समाज का सामुदायिक भवन बना। यहां पक्का किचन शेड बनाने, जेनेरेटर सेट लगाने के लिए फण्ड निर्गत करने का भी भरोसा दिया। चहारदीवारी के लिए टाटा स्टील द्वारा लगाए गए अवरोध पर सांसद ने चुटकी ली और हंसते हुए कहा कंपनी यह काम नहीं रोक पाएगी, क्योंकि सभी भूमि गोपाल की तरह भूमिहार की होती है।
मुख्य अतिथि सांसदडॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने सांसद विद्युत बाबू की प्रशंसा की और स्वामी सहजानंद को अपना आराध्य बताया। उन्होंने स्वामी जी बातों – किसानों के हक के लिए काम , अंग वस्त्र जो उपजायेगा वही शासन करेगा, वही कानून बनाएगा का उल्लेख किया। भले बिहार झारखंड में ब्रह्मर्षि समाज की आबादी भले ही 5 प्रतिशत हो लेकिन 52 प्रतिशत भूमि उनके पास थी। स्वामी जी ने इस असंतुलन के विरुद्ध आवाज उठाई और जमींदारी उन्मूलन के लिए दवाब बनाया।

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